कन्नड अभिनेते द्वारकीश




कन्नड फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज अभिनेता और फिल्म निर्माता द्वारकीश का 90 साल की उम्र में निधन हो गया है। द्वारकीश कन्नड फिल्म इंडस्ट्री की एक जानी-मानी और सम्मानित हस्ती थे, जिन्होंने अपने करियर में 500 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया था।

द्वारकीश का जन्म 19 अगस्त 1932 को कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले के सिद्दापुरा में हुआ था। उन्होंने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 1954 में फिल्म "भक्त कुंभारा" से की थी। इसके बाद उन्होंने 1958 की फिल्म "भक्त प्रह्लाद" में भगवान विष्णु की भूमिका निभाई, जिसने उन्हें अपार लोकप्रियता दिलाई।

द्वारकीश ने अपने करियर में कई यादगार भूमिकाएँ निभाईं, जिनमें "चंद्रहास" में काशीराज, "समर" में शिवराम और "किम्सुका" में चौदप्पा शामिल हैं। उन्होंने "किम्सुका", "कूगा" और "होसा बेलाकु" जैसी कई फिल्मों का निर्माण और निर्देशन भी किया।

  • द्वारकीश के जीवन के कुछ दिलचस्प तथ्य:
  • उनका असली नाम शिवकुमार स्वामी था।
  • उन्होंने कन्नड भाषा में "द्वारकीश" नाम अपनाया, जो विष्णु भगवान के एक अवतार का नाम है।
  • उन्हें कन्नड फिल्म इंडस्ट्री में "चक्रीवर्ती" का खिताब दिया गया था।
  • उन्हें पद्मश्री और कर्नाटक रत्न सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।

द्वारकीश के निधन पर कन्नड फिल्म इंडस्ट्री और उनके प्रशंसकों में शोक की लहर है। उन्हें कन्नड सिनेमा के दिग्गजों में से एक माना जाता था और उनके अभिनय को आने वाली पीढ़ियों तक याद रखा जाएगा।

द्वारकीश के निधन से हुई अपूरणीय क्षति

द्वारकीश के निधन से कन्नड फिल्म इंडस्ट्री को एक अपूरणीय क्षति हुई है। वह एक प्रतिभाशाली अभिनेता, सफल फिल्म निर्माता और अपने प्रशंसकों के लिए एक प्रेरणा थे। उनकी फिल्मों ने पीढ़ियों तक कन्नड लोगों का मनोरंजन किया है और कन्नड सिनेमा के विकास में उनका योगदान अमूल्य है।

द्वारकीश की विरासत हमेशा कन्नड फिल्म इंडस्ट्री में बनी रहेगी। उनकी फिल्में और पात्र हमेशा उनके प्रशंसकों के दिलों में बने रहेंगे। उनकी मृत्यु एक युग का अंत है, लेकिन उनके काम की विरासत आने वाले कई वर्षों तक जीवित रहेगी।

द्वारकीश, आपकी कमी हमेशा खलेगी। आपकी प्रतिभा और आपकी फिल्मों के लिए हम हमेशा आभारी रहेंगे।