फुटबॉल की दुनिया में, चैंपियंस लीग और यूरोपा लीग लंबे समय से दो प्रतिष्ठित प्रतियोगिताएं रही हैं। लेकिन अब, एक नया प्रतियोगिता का जन्म हुआ है जो इन दोनों दिग्गजों को चुनौती देने के लिए तैयार है: कॉन्फ्रेंस लीग।
कॉन्फ्रेंस लीग UEFA द्वारा आयोजित तीसरी श्रेणी की प्रतियोगिता है, जिसका उद्देश्य यूरोप के कम रैंक वाले फुटबॉल क्लबों को प्रतिस्पर्धा करने का अवसर प्रदान करना है। इस प्रतियोगिता की शुरुआत 2021-22 सीज़न से हुई और इसे पेशेवरों और नौसिखियों के लिए समान रूप से एक रोमांचक अवसर के रूप में देखा जा रहा है।
कॉन्फ्रेंस लीग प्रारूप में चैंपियंस लीग और यूरोपा लीग से अलग है। प्रतियोगिता में 32 टीमों के आठ समूह हैं, जिसमें प्रत्येक समूह की शीर्ष दो टीमें नॉकआउट चरण में पहुंचती हैं। इसके बाद, नॉकआउट चरण में 16 अतिरिक्त टीमें शामिल होंगी जो यूरोपा लीग के ग्रुप स्टेज में तीसरे स्थान पर रहीं।
कॉन्फ्रेंस लीग कई रोमांचक टीमों का घर है, जिनमें रोमा, टॉटेनहैम हॉट्सपर और फ़ेयेनोर्ड शामिल हैं। ये टीमें ट्रॉफी उठाने और यूरोपीय फुटबॉल की सीढ़ी पर चढ़ने के लिए उत्सुक होंगी।
कॉन्फ्रेंस लीग में भारतीय फुटबॉल
भारत के लिए कॉन्फ्रेंस लीग एक रोमांचक अवसर है क्योंकि ओडिशा एफसी पहला भारतीय क्लब है जिसने इस प्रतियोगिता में क्वालीफाई किया है। ओडिशा एफसी ने एएफसी कप जीतकर कॉन्फ्रेंस लीग का टिकट हासिल किया, जो एक अन्य महाद्वीपीय प्रतियोगिता है।
ओडिशा एफसी की कॉन्फ्रेंस लीग में भागीदारी भारतीय फुटबॉल के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह क्लब प्रतियोगिता में यूरोपीय दिग्गजों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने के लिए उत्सुक है और भारतीय फुटबॉल को वैश्विक मानचित्र पर रखने की उम्मीद कर रहा है।
कॉन्फ्रेंस लीग का भविष्य
कॉन्फ्रेंस लीग अपने शुरुआती चरण में है, लेकिन पहले से ही एक आशाजनक भविष्य दिखाई दे रहा है। प्रतियोगिता UEFA के लिए नए बाजारों में विस्तार करने और फुटबॉल के विकास को बढ़ावा देने का एक अवसर है।
यदि कॉन्फ्रेंस लीग चैंपियंस लीग और यूरोपा लीग की स्तर तक पहुंचने में सफल हो जाती है, तो यह यूरोपीय फुटबॉल परिदृश्य को बदल सकता है। यह कम रैंक वाले क्लबों के लिए यूरोपीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने और सफल होने का द्वार खोलेगा।
कॉन्फ्रेंस लीग यूरोपीय फुटबॉल के भविष्य में एक रोमांचक नई प्रतियोगिता है। यह नवाचार, अवसर और विकास का मंच है। कॉन्फ्रेंस लीग का विकास देखना दिलचस्प होगा और यह देखना होगा कि क्या यह चैंपियंस लीग और यूरोपा लीग को चुनौती देने में सक्षम है।