गर्मी का मौसम तो आएगा ही, और इसके साथ ही भारत में भीषण गर्मी की लहरें भी आएंगी। लेकिन क्या हर साल ये गर्मी की लहरें पिछले साल से भी भयावह होती जा रही हैं? ये सवाल उठना लाजिमी है क्योंकि बीते कुछ सालों में भारत में गर्मी की लहरों का असर लगातार बढ़ता जा रहा है।
2023 की बात करें तो मार्च में ही भारत के कई राज्यों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया था। अप्रैल और मई में तो हालात और भी बदतर हो गए। दिल्ली में 30 अप्रैल को तापमान 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो पिछले 122 सालों में अप्रैल के महीने का सबसे ज्यादा तापमान है।
गर्मी की इन भीषण लहरों के चलते भारत में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। अकेले तेलंगाना में ही अप्रैल महीने में हीट वेव की वजह से 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा ओडिशा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी हीट वेव से कई मौतें हुई हैं।
गर्मी की लहरों के बढ़ते असर से निपटने में सरकार की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। सरकार को निम्नलिखित उपाय करने चाहिए:
भारत में गर्मी की लहरों का बढ़ता असर एक गंभीर चिंता का विषय है। मानवीय गतिविधियों और जलवायु परिवर्तन के कारण ये लहरें हर साल और भी खतरनाक होती जा रही हैं। सरकार और नागरिकों को मिलकर इन लहरों के असर से निपटने के लिए कदम उठाने होंगे।
हम सभी को जागरूक होने की जरूरत है कि गर्मी की लहरें जानलेवा हो सकती हैं, और हमें खुद को और दूसरों को इनसे बचाने के लिए कदम उठाने चाहिए। गर्मी की लहरों के दौरान सावधानी बरतकर और जरूरतमंदों की मदद करके, हम इस खतरे से निपटने में सफल हो सकते हैं और मानव जीवन को बचा सकते हैं।