कल्कि अवतार : हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, कल्कि दसवें और अंतिम अवतार हैं जो कलियुग के अंत में प्रकट होंगे।
2898 का अनुमान : कहा जाता है कि कल्कि भगवान विष्णु के दसवें अवतार हैं जो कलि युग के अंत में एक सफेद घोड़े पर सवार होकर प्रकट होंगे। कलि युग 3102 ईसा पूर्व में शुरू हुआ था और 427020 ईस्वी तक चलेगा।
इस हिसाब से, कलियुग का अंत 2898 ईस्वी में होगा। ऐसा माना जाता है कि उस समय कल्कि प्रकट होंगे।
यज्ञ और निर्वासन : कहानी कहती है कि कल्कि एक ऐसे ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे जो कालापी नाम के एक यज्ञ के लिए प्रसिद्ध था। कल्कि भगवान शिव की कृपा से जन्में थे और उन्होंने 12 साल का यज्ञ किया था।
यज्ञ के दौरान, कल्कि के पिता ने उन्हें यज्ञ के लिए आवश्यक फूल चुनने के लिए जंगल में भेजा। जंगल में, कल्कि ब्रह्मांड की महिमा से मंत्रमुग्ध हो गए और उन्हें निर्वासित कर दिया गया।
अंतिम अवतार : कल्कि को अंतिम अवतार माना जाता है क्योंकि वह कलि युग का अंत करेंगे और सतयुग की शुरुआत करेंगे। सतयुग को हिंदू धर्म में एक आदर्श युग माना जाता है जहां धर्म, सत्य और शांति की प्रधानता होती है।
क्या कल्कि वास्तव में 2898 में आएंगे? यह एक रहस्य है जो समय ही बताएगा। लेकिन कल्कि अवतार की कहानी हिंदू धर्म की एक शक्तिशाली मान्यता है जो अच्छाई की बुराई पर हमेशा जीत की उम्मीद रखती है।