क्या वजह है कि शेयर बाज़ार में गिरावट जारी है?




बाजार क्यूँ गिर रहा है?
आज-कल शेयर बाज़ार की गिरावट सबके लिए चिंता का विषय बनी हुई है। निवेशकों की गाढ़ी कमाई इसमें फँसती नजर आ रही है। पर आप जानते हैं इस गिरावट के क्या कारण हैं और हम भविष्य में इससे कैसे बच सकते हैं? तो आइए जानते हैं इसके पीछे छिपी कुछ प्रमुख वजहें।
1. ब्याज दरों में वृद्धि:

सबसे प्रमुख कारण है ब्याज दरों में वृद्धि। जैसे-जैसे ब्याज दरें बढ़ती हैं, निवेशकों का शेयर बाजार से पैसा निकालने और इन्हें बॉन्ड और अन्य निश्चित आय वाले निवेशों में लगाने की संभावना बढ़ जाती है। इससे शेयरों की माँग में कमी आती है और कीमतों में गिरावट आती है।

  • बेरोज़गारी
  • महंगाई
  • सरकारी घाटा
2. मुद्रास्फीति में वृद्धि:

मुद्रास्फीति का मतलब है कि वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में वृद्धि। जैसे-जैसे मुद्रास्फीति बढ़ती है, निवेशकों को उनकी जोत पर कम रिटर्न मिलता है। इससे शेयर बाजार से पैसा निकालने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे कीमतों में गिरावट आती है।
3. भू-राजनीतिक अस्थिरता:

भू-राजनीतिक अस्थिरता, जैसे युद्ध या राजनीतिक संकट, शेयर बाजार को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। इससे निवेशकों में अनिश्चितता पैदा होती है और वे जोखिम लेने से बचते हैं, जिससे शेयरों की माँग घटती है और कीमतें गिरती हैं।
4. चीन का आर्थिक मंदी:

चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और शेयर बाजार इसका प्रतिबिंब है। चीन की आर्थिक मंदी से वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे शेयर बाजार में गिरावट आ सकती है।
5. विदेशी निवेशकों का बहिर्वाह:

जब विदेशी निवेशक किसी देश की अर्थव्यवस्था में विश्वास खो देते हैं, तो वे अपना पैसा निकाल लेते हैं। इससे शेयरों की माँग में कमी आती है और कीमतें गिरती हैं।
6. भावनात्मक कारक:

भावनात्मक कारक, जैसे डर और लालच, भी शेयर बाजार को प्रभावित कर सकते हैं। जब निवेशक डरे हुए होते हैं, तो वे अपने शेयर बेच देते हैं, जिससे कीमतों में गिरावट आती है। इसके विपरीत, जब निवेशक लालची होते हैं, तो वे स्टॉक खरीदते हैं, जिससे कीमतें बढ़ती हैं।
भविष्य में इससे कैसे बच सकते हैं?

  • विविधीकरण: अपने निवेश को विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में फैलाने से जोखिम को कम किया जा सकता है।
  • नियमित निवेश: रुपए-औसत में बाजार में निवेश करने से दीर्घकालिक रिटर्न में वृद्धि हो सकती है और बाजार के उतार-चढ़ाव का प्रभाव कम हो सकता है।
  • बाजार चक्रों को समझना: शेयर बाजार चक्रीय है, जिसका मतलब है कि यह उतार-चढ़ाव से गुजरता है। बाजार चक्रों को समझने से उतार-चढ़ाव को नेविगेट करने और लंबे समय में निवेश लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
  • दीर्घकालिक दृष्टिकोण: अल्पकालिक उतार-चढ़ाव पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाने से बाजार की अस्थिरता को झेलने और दीर्घकालिक रिटर्न प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
  • भावनात्मक निवेश से बचना: डर और लालच जैसे भावनात्मक कारकों से प्रेरित होकर निवेश करने से बचने से खराब निर्णय लेने और नुकसान उठाने से बचा जा सकता है।