क्यों है यूपी वोटिंग में हमेशा सबसे आगे?




उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए वोटिंग जारी है। पहले चरण में मतदान हो चुका है और अब दूसरे चरण की बारी है। यूपी विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या तकरीबन 15 करोड़ है और सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या यूपी इस बार भी सबसे अधिक वोटिंग का रिकॉर्ड बनाएगा? पिछले विधानसभा चुनाव में यूपी में मतदान प्रतिशत 61 फीसदी था, जो देश में सबसे अधिक था। हालांकि इस बार चुनाव आयोग ने ऐसी व्यवस्था की है कि मतदान प्रतिशत बढ़े।

यूपी में सबसे अधिक वोटिंग होने के कई कारण है।

  • सामाजिक जागरूकता: यूपी में मतदाताओं में सामाजिक जागरूकता काफी अधिक है। लोग समझते हैं कि वोट देना उनका अधिकार है और इसके जरिए वे अपनी आवाज बुलंद कर सकते हैं।
  • राजनीतिक जागरूकता: यूपी में राजनीतिक जागरूकता भी काफी अधिक है। लोग राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के बारे में अच्छी तरह से जानकारी रखते हैं।
  • वंशानुगत वोटिंग: यूपी में वोटिंग करने की एक परंपरा भी है। लोग अपने परिवार, समुदाय और जाति के हिसाब से वोट करते हैं।
  • चुनाव आयोग का प्रयास: चुनाव आयोग भी मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। आयोग ने ईवीएम और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीपीपीएटी) का व्यापक इस्तेमाल किया है।

पिछले विधानसभा चुनाव में यूपी में मतदान प्रतिशत 61 फीसदी था, जो देश में सबसे अधिक था। इस बार चुनाव आयोग ने और भी बेहतर व्यवस्था की है। ऐसे में यह उम्मीद की जा रही है कि यूपी इस बार भी सबसे अधिक वोटिंग का रिकॉर्ड बनाएगा।

यूपी में इतनी अधिक वोटिंग होना एक सकारात्मक संकेत है। इससे पता चलता है कि लोगों में लोकतंत्र के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। लोग समझ रहे हैं कि वोट देना उनका अधिकार है और इसके जरिए वे अपनी आवाज बुलंद कर सकते हैं।

हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में यूपी में वोटिंग प्रतिशत और भी बढ़ेगा। इससे राज्य और देश के विकास में मदद मिलेगी।