दिल्ली-NCR की आबोहवा खराब होती जा रही है। इसकी एक बड़ी वजह वाहनों से होने वाला प्रदूषण है। ऐसे में सरकार ने GRAP (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) के नियमों को सख्त कर दिया है।
GRAP के नियमों के तहत, वायु गुणवत्ता खराब होने पर अलग-अलग तरह के प्रतिबंध लगाए जाते हैं। जैसे कि जब वायु गुणवत्ता खराब होती है तो GRAP के स्टेज I के नियम लागू होते हैं। इन नियमों के तहत, निर्माण कार्य पर रोक लगती है और डीजल से चलने वाले वाहनों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है।
जब वायु गुणवत्ता खराब से बदतर होती है तो GRAP के स्टेज II के नियम लागू होते हैं। इन नियमों के तहत, स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए जाते हैं और सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों की संख्या आधी कर दी जाती है।
जब वायु गुणवत्ता गंभीर हो जाती है तो GRAP के स्टेज III के नियम लागू होते हैं। इन नियमों के तहत, सभी निर्माण कार्य बंद कर दिए जाते हैं और डीजल और पेट्रोल से चलने वाले सभी वाहनों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है।
जब वायु गुणवत्ता गंभीर से गंभीर+ हो जाती है तो GRAP के स्टेज IV के नियम लागू होते हैं। इन नियमों के तहत, सभी तरह की आर्थिक गतिविधियों पर रोक लग जाती है और सिर्फ आवश्यक सेवाओं को ही चलने दिया जाता है।
GRAP के नियमों को सख्त करने के बाद से दिल्ली-NCR की आबोहवा में सुधार हुआ है। लेकिन यह सुधार अभी भी अपर्याप्त है। आबोहवा को और बेहतर बनाने के लिए सरकार को और भी सख्त कदम उठाने होंगे।
इसके अलावा, जनता को भी प्रदूषण कम करने में सहयोग करना होगा। जैसे कि लोगों को अपने वाहनों का इस्तेमाल कम करना चाहिए और सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करना चाहिए। लोगों को कचरा जलाने से भी बचना चाहिए।
अगर सरकार और जनता मिलकर प्रयास करें तो दिल्ली-NCR की आबोहवा को बेहतर बनाया जा सकता है।