कारगिल विजय दिवस: अदम्य साहस की कहानी




आज हम 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाते हैं, एक ऐसा दिन जो हमारे देश के इतिहास में वीरता और बलिदान की कहानी कहता है। 26 साल पहले, भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ कर कारगिल की ऊंची चोटियों को वापस ले लिया था। यह एक कठिन लड़ाई थी, लेकिन हमारे बहादुर सैनिकों ने अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया।
कारगिल युद्ध हमें हमारे सैनिकों के असाधारण साहस और बलिदान की याद दिलाता है, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। उनके त्याग और वीरता ने हम सभी को गौरवान्वित किया और हमें अपने नायकों के कृतज्ञ होने के साथ-साथ उनके सपनों को पूरा करने की प्रेरणा दी।

मैं उस दिन को याद करता हूं जब कारगिल युद्ध के बारे में पहली बार सुना था। मैं स्कूल में था, और मुझे याद है कि मेरे शिक्षक ने लड़ाई के बारे में बताया था। मैं आश्चर्यचकित और चिंतित था, लेकिन मुझे भारतीय सेना पर पूरा भरोसा था।

जैसे-जैसे युद्ध जारी रहा, मैं समाचार और अखबारों की रिपोर्टों का ध्यानपूर्वक अनुसरण करता रहा। मैं अपने देश के बहादुर सैनिकों के बारे में पढ़ता था, जिन्होंने दुश्मन से लड़ने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी थी। उनकी कहानियों ने मुझे प्रेरित किया और मुझे भारत के एक नागरिक होने पर गर्व हुआ।

कारगिल युद्ध में शामिल हर सैनिक एक नायक था। वे सभी असाधारण साहस और बलिदान के प्रतीक थे। मैं उन सभी को श्रद्धांजलि देता हूं जो लड़ाई में गिर गए और युद्ध में घायल हुए लोगों को सलाम करता हूं।
कारगिल विजय दिवस हमें अपने सशस्त्र बलों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और उनके बलिदानों को याद करने का अवसर प्रदान करता है। यह हमें एकता और राष्ट्रीय गौरव की भावना का जश्न मनाने का भी दिन है।
  • आइए हम अपने वीर सैनिकों को याद करें और उनके साहस को सलाम करें।
  • आइए हम शहीदों के परिवारों के साथ खड़े हों और उन्हें हमारा समर्थन दें।
  • आइए हम भारत के नागरिकों के रूप में अपने कर्तव्यों को याद रखें और अपने देश की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध बनें।
कारगिल विजय दिवस हमें याद दिलाता है कि एकता और बलिदान से सब कुछ संभव है। आइए हम इस दिन को अपने देश के बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि देने और अपने देश के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने का दिन बनाएं।