क्या आप जानते हैं कि कर्नाटक में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में एक बार फिर इजाफा हो गया है? जी हां, पिछले कुछ महीनों में ईंधन की कीमतों में लगातार वृद्धि ने आम जनता की कमर तोड़ दी है।
एक आम आदमी की व्यथामैं एक आम आदमी हूं और अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिए काफी मेहनत करता हूं। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों ने मेरे बजट को पूरी तरह से गड़बड़ कर दिया है। मुझे अब अपने रोजमर्रा के खर्चों पर लगाम लगानी पड़ रही है।
मैं जानता हूं कि यह केवल मेरी कहानी नहीं है। कर्नाटक के लाखों लोग पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से जूझ रहे हैं। सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने वाले लोगों की भी जेब ढीली हो रही है, क्योंकि किराए में भी बढ़ोतरी हो रही है।
सरकार की भूमिकाइस मुश्किल घड़ी में सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए और आम जनता को राहत प्रदान करनी चाहिए। वे पेट्रोल-डीजल पर करों को कम कर सकते हैं या ईंधन की कीमतों को विनियमित करने के लिए कदम उठा सकते हैं।
मुझे पता है कि सरकार के लिए सब्सिडी देना आसान नहीं है, लेकिन क्या हम बुनियादी जरूरतों के लिए जूझ रहे अपने नागरिकों की मदद नहीं कर सकते? क्या हमारी सरकार को ईंधन की बढ़ती कीमतों से अछूते रहने वाली लक्जरी नहीं छोड़नी चाहिए?
एक आशा की किरणहालांकि स्थिति गंभीर है, लेकिन मैं अभी भी आशावान हूं। मुझे विश्वास है कि सरकार और लोग मिलकर इस चुनौती का सामना कर सकते हैं। हमें अपनी आवाज उठानी होगी, सरकार से जवाबदेही की मांग करनी होगी और एक साथ काम करके एक समाधान ढूंढना होगा।
एक आह्वानमैं सभी कर्नाटकवासियों से आग्रह करता हूं कि वे पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ अपनी आवाज उठाएं। हमें सरकार को यह दिखाना होगा कि हम इस अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
एक साथ मिलकर, हम बदलाव ला सकते हैं।