कोलकाता के एक डॉक्टर को बिना किसी उकसावे के बेरहमी से पीटने की भयावह घटना ने शहर को झकझोर दिया है। यह घटना एक बार फिर हमारे समाज में व्याप्त हिंसा और डॉक्टरों की सुरक्षा की दुखद स्थिति पर प्रकाश डालती है।
डॉक्टर, जो एक निजी अस्पताल में काम करते हैं, उस समय अस्पताल के बाहर आराम कर रहे थे जब उन्हें एक गुस्साई भीड़ ने घेर लिया था। भीड़ ने उन पर हमला किया, उनकी पसलियों और चेहरे पर गंभीर चोटें आईं। हमले का कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि किसी मरीज की मौत से यह भीड़ भड़की थी।
इस निंदनीय घटना ने देश भर में डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों में आक्रोश पैदा कर दिया है। उन्होंने हिंसा की निंदा की है और सरकार से डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
कोलकाता के डॉक्टर के लिए न्याय मांगना केवल एक व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने से परे है। यह हमारी स्वास्थ्य प्रणाली की रक्षा और हमारे समाज में हिंसा को खत्म करने के बारे में है।
हम सभी को हिंसा के खिलाफ एकजुट होना चाहिए और डॉक्टरों को सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण में काम करने देने की मांग करनी चाहिए। उन्हें शहीद के रूप में नहीं, बल्कि नायकों के रूप में देखा जाना चाहिए जो हमारे स्वास्थ्य और भलाई की रक्षा करते हैं।
जो लोग डॉक्टर के खिलाफ हिंसा का समर्थन करते हैं, वे उसी अन्याय और पीड़ा के भागीदार हैं जो हम डॉक्टरों से बचने की कोशिश कर रहे हैं।
डॉक्टरों के लिए न्याय और सुरक्षा की मांग करने से हम न केवल एक व्यक्ति को न्याय दिलाएंगे, बल्कि हम अपने समाज को भी एक बेहतर और सुरक्षित जगह बनाएंगे।