जीवन और करियर
कविता मरण का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की थी। स्नातक होने के बाद, उन्होंने एक पत्रकार के रूप में काम किया था। हालाँकि, उनकी जुनून कविता थी। उन्होंने 2015 में अपनी पहली कविता संग्रह "आवाज़ें" प्रकाशित की थी। संग्रह को समीक्षकों द्वारा सराहा गया था और कई साहित्यिक पुरस्कारों के लिए नामांकित किया गया था।कविता शैली
कविता मरण की कविताएँ अपनी तीखी अंतर्दृष्टि और भावनात्मक तीव्रता के लिए जानी जाती थीं। वह स्त्री विमर्श पर लिखना पसंद करती थीं, और उनकी कविताएँ अक्सर महिलाओं के अनुभवों और समाज में उनकी स्थिति की पड़ताल करती थीं। प्रेम और रिश्तों पर भी उन्होंने बड़े पैमाने पर लिखा। उनकी कविताएँ स्पष्ट और सीधी थीं, लेकिन वे अक्सर गहरे अर्थ और सूक्ष्मता से भरी होती थीं।पुरस्कार और सम्मान
अपने छोटे करियर के दौरान, कविता मरण को कई साहित्यिक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। उन्हें 2015 में उनके संग्रह "आवाज़ें" के लिए "युवा कवि पुरस्कार" मिला था। उन्हें 2018 में "साहित्य अकादमी पुरस्कार" भी मिला था।साहित्य जगत की प्रतिक्रिया
कविता मरण के निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। कई लेखकों, कवियों और आलोचकों ने सोशल मीडिया और प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से अपनी संवेदना व्यक्त की है।विरासत
कविता मरण भले ही अब नहीं रहीं, लेकिन उनकी कविताएँ पाठकों को प्रेरित और चुनौती देती रहेंगी। उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों के कवियों और लेखकों को प्रभावित करती रहेगी।