कृष्ण जन्माष्टमी की छवियां: भगवान कृष्ण के जन्म की यादें




आज, हम सभी जन्माष्टमी मना रहे हैं, जो भगवान कृष्ण के जन्म का त्यौहार है। यह एक विशेष दिन है जब हम उनके जीवन और शिक्षाओं को याद करते हैं।

कृष्ण जन्माष्टमी की छवियां हमारे दिलों को छू लेती हैं और हमें उस समय की याद दिलाती हैं जब भगवान विष्णु ने कृष्ण के रूप में अवतार लिया था। उनकी शरारतें, उनकी दिव्यता और उनके प्रेम ने सदियों से भक्तों को आकर्षित किया है।

कृष्ण की शरारतों को कौन भूल सकता है?

गोपियों के मक्खन चुराने से लेकर कंस के साथ उनकी असंख्य मुठभेड़ों तक, कृष्ण की शरारतें हमेशा यादगार रही हैं। ये कहानियां हमें हंसाती हैं और हमें याद दिलाती हैं कि भगवान भी मनुष्यों की तरह ही हो सकते हैं।

उनकी दिव्यता हमें विस्मय से भर देती है।

कृष्ण की दिव्यता उनकी कई लीलाओं में प्रकट होती है। गोवर्धन पर्वत को उठाना, कंस का वध करना और विराट रूप दिखाना ऐसी कुछ लीलाएं हैं जो उनके अलौकिक शक्तियों की गवाही देती हैं।

  • कृष्ण का प्रेम सर्वोच्च है।
  • राधा के प्रति उनका प्रेम, उनकी गायों के प्रति उनका प्रेम और अपने भक्तों के प्रति उनका प्रेम उनके चरित्र की आधारशिला है। उनका प्रेम हमें याद दिलाता है कि प्रेम ही दुनिया में हर चीज से ऊपर है।

कृष्ण जन्माष्टमी की छवियां हमें उनकी शरारतों, उनकी दिव्यता और उनके प्रेम की याद दिलाती हैं। वे हमें याद दिलाती हैं कि भगवान हमेशा हमारे साथ हैं, हमारी रक्षा कर रहे हैं और हमें प्यार कर रहे हैं।

आइए हम सभी भगवान कृष्ण की याद में इस जन्माष्टमी को खुशी और भक्ति के साथ मनाएं।

कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं!