किसानों को हो रही हैं परेशानियाँ, छोटे किसानों को कौन बचाएगा




मैं एक किसान का बेटा हूं, मैंने बचपन से ही गांव में रहकर गांव की जमीनी हकीकत को देखा और समझा है। किसानों को खेती में होने वाली परेशानियों को भी देखा है। आज के समय में किसानों के सामने दिन-प्रतिदिन चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं।

एक तरफ जहां खाद-बीज के दाम आसमान छू रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ फसलों के दाम किसानों को लागत के हिसाब से भी नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे में किसानों का जीना मुश्किल हो गया है।

विगत कुछ वर्षों में किसान आत्महत्याओं के मामले बहुत बढ़ गए हैं, जिसका मूल कारण किसानों को सही दाम न मिल पाना और खेती में बढ़ती लागत है। सरकार किसानों की भलाई के लिए कई योजनाएं चलाती है, लेकिन जमीनी हकीकत ये है कि ये योजनाएं किसानों तक ठीक से पहुंच नहीं पाती हैं।

सरकार को चाहिए कि वह छोटे किसानों को प्राथमिकता दे, उन्हें खेती में आने वाली परेशानियों से निजात दिलाए। किसानों को खेती के लिए उचित दाम और सुविधाएं मुहैया कराए।

आज जरूरत इस बात की है कि किसानों को एकजुट किया जाए, किसानों को उनकी ताकत का एहसास कराया जाए। किसानों को अपने हक के लिए आवाज उठानी चाहिए।

मुझे उम्मीद है कि सरकार और समाज दोनों मिलकर किसानों की समस्याओं का समाधान करेंगे और एक ऐसा वातावरण बनाएंगे जहां किसान खुशहाल और समृद्ध जीवन जी सकें।