श्रीलंका की राजधानी कोलंबो एक ऐसा शहर है जो अविस्मरणीय अनुभवों से भरपूर है। समुद्र तटों से लेकर मंदिरों तक, इस जीवंत महानगर में हर किसी के लिए कुछ न कुछ है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोलंबो कभी एक छोटा सा मछली पकड़ने वाला गांव हुआ करता था? यह कैसे एक आकर्षक शहर में बदल गया, आइए जानते हैं-
पुर्तगाली आगमन1505 में, पुर्तगाली खोजकर्ता लारेन्को डी अल्मेडा कोलंबो पहुंचे। उन्होंने तुरंत शहर के प्राकृतिक बंदरगाह और रणनीतिक स्थान को पहचान लिया। उन्होंने इसे अपने व्यापारिक आधार के रूप में स्थापित किया और एक किला बनाया। पुर्तगालियों के शासन ने कोलंबो को एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र बना दिया।
डच शासन1656 में, डचों ने पुर्तगालियों को हराया और कोलंबो पर कब्जा कर लिया। उन्होंने शहर का विस्तार किया और दीवारों, गढ़ों और नहरों से इसकी रक्षा की। डचों ने कोलंबो में कॉफी और मसालों की खेती की शुरुआत की, जिससे इसकी आर्थिक समृद्धि में वृद्धि हुई।
ब्रिटिश शासन1796 में, ब्रिटिशों ने डचों को हराया और कोलंबो पर कब्जा कर लिया। उन्होंने शहर को अपनी राजधानी बनाया और इसे आधुनिक बनाया। ब्रिटिशों ने रेलवे, टेलीग्राफ और अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण किया। उन्होंने शहर में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में भी सुधार किया।
स्वतंत्रताश्रीलंका ने 1948 में ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की। कोलंबो देश की राजधानी बनी रही। स्वतंत्रता के बाद, कोलंबो ने तेजी से विकास का अनुभव किया। यह एक आधुनिक महानगर में बदल गया, जिसमें ऊंची इमारतें, व्यापक सड़कें और एक जीवंत सांस्कृतिक जीवन है।
आज का कोलंबोआज, कोलंबो दक्षिण एशिया के सबसे आकर्षक शहरों में से एक है। यह एक संपन्न व्यापारिक केंद्र, एक सांस्कृतिक हब और एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। कोलंबो में घूमने और देखने के लिए बहुत कुछ है, जिसमें गैले फेस ग्रीन, नेलम महा राजा विहारा और पेटाह मार्केट शामिल हैं।
एक अनूठा शहरकोलंबो एक ऐसा शहर है जो इतिहास, संस्कृति और आधुनिकता के मिश्रण से भरा है। यह एक ऐसा शहर है जो हर किसी को कुछ न कुछ प्रदान करता है। चाहे आप समुद्र तटों पर आराम करना चाहते हों, मंदिरों की खोज करना चाहते हों या बस शहर के जीवंत वातावरण का आनंद लेना चाहते हों, कोलंबो में हर किसी के लिए कुछ न कुछ है।