कैसे सिर्फ़ एक इंसान ने आकार दिया बीजेपी के पूरे इतिहास को!
लालकृष्ण आडवाणी, एक ऐसा नाम जिसने भारतीय जनता पार्टी का इतिहास बदलकर रख दिया। "भारतीय राजनीति के पितामह" के रूप में जाने जाने वाले आडवाणी ने अपने विचारों और कार्यों से बीजेपी की नींव को मज़बूत किया।
अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से करने वाले आडवाणी जी ने 1951 में भारतीय जनसंघ की स्थापना में अहम भूमिका निभाई। पार्टी के जन्म के बाद, आडवाणी जी ने इसके नेतृत्व की ज़िम्मेदारी संभाली। उनके कुशल नेतृत्व में, भारतीय जनसंघ ने भारतीय राजनीति में एक मज़बूत आधार बनाया।
आडवाणी जी भारतीय जनसंघ के पहले अध्यक्ष बने और इसके बाद छह बार इस पद पर रहे। उनके नेतृत्व में, पार्टी ने 1977 में जनता पार्टी के गठन में अहम भूमिका निभाई। जनता पार्टी की सरकार में आडवाणी जी को सूचना और प्रसारण मंत्री बनाया गया।
आडवाणी जी के राजनीतिक जीवन का सबसे महत्वपूर्ण मोड़ 1990 में आया, जब उन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन की शुरुआत की। इस आंदोलन ने भारत में हिंदू राष्ट्रवाद की लहर पैदा कर दी और बीजेपी को राष्ट्रीय स्तर पर prominence दिलाई।
1998 में, बीजेपी पहली बार राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन के नेतृत्व में केंद्र में सत्ता में आई। आडवाणी जी को उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री बनाया गया। इस पद पर रहते हुए, उन्होंने पाकिस्तान के साथ लाहौर शिखर सम्मेलन का आयोजन किया, जो भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक ऐतिहासिक घटना थी।
आडवाणी जी अपने पूरे राजनीतिक जीवन में विवादों से घिरे रहे। 2002 के गुजरात दंगों में उनकी कथित भूमिका के लिए उनकी आलोचना की गई थी। इसके अलावा, उनके द्वारा दिए गए विवादास्पद बयानों के कारण भी उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा था।
हालांकि, इन विवादों के बावजूद, आडवाणी जी भारतीय राजनीति में एक सम्मानित और प्रभावशाली व्यक्ति बने रहे। उन्होंने 2015 में अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा की थी, लेकिन वह अभी भी राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े हुए हैं।
आडवाणी जी की विरासत जटिल और विरोधाभासी है। वह भारतीय राजनीति के एक सच्चे योद्धा थे, जिन्होंने बीजेपी को एक क्षेत्रीय दल से राष्ट्रीय स्तर की पार्टी में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके विचारों और कार्यों ने भारतीय राजनीति को हमेशा के लिए बदलकर रख दिया।