खेती में कीटों से बचाव के लिए जमीन में घुसता ये धुआँ





बेसामिड, जिसे मिथाइल ब्रोमाइड के रूप में भी जाना जाता है, एक कीटनाशक है जिसका उपयोग मिट्टी को कीटों, खरपतवारों और रोगजनकों से मुक्त करने के लिए किया जाता है। बेसामिड का उपयोग आम तौर पर ग्रीनहाउस और नर्सरी में किया जाता है, लेकिन इसका उपयोग खुले खेतों में भी किया जा सकता है। बेसामिड एक शक्तिशाली कीटनाशक है, इसलिए इसका उपयोग सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए।

बेसामिड कैसे काम करता है?

बेसामिड एक गैस है जो मिट्टी में घुसकर कीटों, खरपतवारों और रोगजनकों को मार देती है। बेसामिड मिट्टी में मौजूद कार्बनिक पदार्थों के साथ प्रतिक्रिया करके मेथिल आइसोसाइनेट बनाता है, जो एक अत्यधिक जहरीली गैस है। मेथिल आइसोसाइनेट कीटों, खरपतवारों और रोगजनकों को मार देती है। बेसामिड का उपयोग करने के बाद मिट्टी को कुछ दिनों के लिए बंद करके रखना चाहिए ताकि बेसामिड और मेथिल आइसोसाइनेट पूरी तरह से वाष्पित हो जाएं।

बेसामिड के उपयोग के लाभ

बेसामिड के उपयोग के कई लाभ हैं। सबसे पहले, बेसामिड एक शक्तिशाली कीटनाशक है जो कीटों, खरपतवारों और रोगजनकों को प्रभावी ढंग से मार सकता है। दूसरा, बेसामिड मिट्टी में गहराई तक घुस सकता है, इसलिए यह उन कीटों, खरपतवारों और रोगजनकों को भी मार सकता है जो मिट्टी की सतह पर नहीं होते हैं। तीसरा, बेसामिड का उपयोग करने के बाद मिट्टी में कोई अवशेष नहीं रहता है, इसलिए यह पौधों और जानवरों के लिए सुरक्षित है।

बेसामिड के उपयोग के जोखिम

बेसामिड के उपयोग से कुछ जोखिम भी जुड़े हुए हैं। सबसे पहले, बेसामिड एक जहरीली गैस है, इसलिए इसका उपयोग करते समय सावधानीपूर्वक सुरक्षा उपायों का पालन करना चाहिए। दूसरा, बेसामिड का उपयोग करने से मिट्टी में मौजूद लाभकारी सूक्ष्मजीवों को नुकसान हो सकता है। तीसरा, बेसामिड का उपयोग करने से मिट्टी में अस्थायी रूप से नाइट्रोजन की कमी हो सकती है।

बेसामिड का उपयोग कैसे करें

बेसामिड का उपयोग करने से पहले मिट्टी को अच्छी तरह से तैयार करना चाहिए। मिट्टी को खोदकर भुरभुरा बनाना चाहिए ताकि बेसामिड मिट्टी में अच्छी तरह से घुस सके। बेसामिड का उपयोग करने के लिए मिट्टी में छेद करके उसमें बेसामिड डालना चाहिए। इसके बाद छेद को बंद करके मिट्टी को कुछ दिनों के लिए बंद करके रखना चाहिए ताकि बेसामिड और मेथिल आइसोसाइनेट पूरी तरह से वाष्पित हो जाएं। बेसामिड का उपयोग करने के बाद मिट्टी में पौधे नहीं लगाने चाहिए जब तक कि बेसामिड और मेथिल आइसोसाइनेट पूरी तरह से वाष्पित नहीं हो जाते हैं।