यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान राम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी। इस दिन लोग अपने घरों के बाहर गुड़ी नामक एक लंबा बांस का खंभा लगाते हैं, जिसके ऊपर एक रंग-बिरंगा कपड़ा बांधा जाता है। गुड़ी के ऊपर एक कलश, आम के पत्ते और एक नारियल होता है। मान्यता है कि गुड़ी भगवान ब्रह्मा का प्रतीक है।
गुड़ी पड़वा के दिन लोग अपने घरों की सफाई करते हैं, रंगोली बनाते हैं और रंग-बिरंगे कपड़े पहनते हैं। इस दिन लोग अपने बुजुर्गों और रिश्तेदारों से मिलने जाते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं। साथ ही, इस दिन लोग मंदिर में जाकर भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं और प्रसाद चढ़ाते हैं।
गुड़ी पड़वा का महत्व
गुड़ी पड़वा का महाराष्ट्रियन संस्कृति में बहुत महत्व है। यह त्योहार नई शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन लोग अपने घरों और मन से सारी बुरी चीजों को निकालकर नए साल की शुरुआत करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन जो नए काम शुरू किए जाते हैं, उनमें सफलता मिलती है।
गुड़ी पड़वा की कहानी
एक कथा के अनुसार, भगवान राम ने रावण पर विजय प्राप्त करने के बाद इस दिन लंका में गुड़ी फहराई थी। इसी दिन भगवान राम चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। उनकी वापसी के उपलक्ष्य में लोगों ने रंग-बिरंगे कपड़े पहने, घरों की सफाई की और रंगोली बनाई।
गुड़ी पड़वा का उत्सव
गुड़ी पड़वा पूरे महाराष्ट्र में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग गुड़ी फहराते हैं, रंगोली बनाते हैं, रंग-बिरंगे कपड़े पहनते हैं और अपने बुजुर्गों से आशीर्वाद लेते हैं। साथ ही, इस दिन लोग मंदिर में जाकर भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं और प्रसाद चढ़ाते हैं।
गुड़ी पड़वा की शुभकामनाएं
गुड़ी पड़वा के पावन पर्व पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। यह त्योहार आपके जीवन में खुशियों और सफलताओं से भरे।