गुरुपरब, एक प्रकाश का त्योहार




गुरुपरब सिखों का एक प्रमुख त्यौहार है, जो गुरु नानक जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। यह भक्तों के लिए एक विशेष और आनंददायक अवसर है, क्योंकि यह सिखों के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी के जन्म दिवस को मनाता है।

गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल, 1469 ई. को हुआ था।
  • गुरुपरब हर साल नवंबर में कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है।
  • इस दिन सिख गुरुद्वारों में विशेष प्रार्थनाएं, कीर्तन और लंगर आयोजित किए जाते हैं।
  • गुरुपरब एक प्रकाश का त्योहार है, जो गुरु नानक देव जी के संदेशों को याद करता है। गुरु नानक देव जी ने सिख धर्म की स्थापना की और "एक ओंकार" (एक ईश्वर) के सिद्धांत का प्रचार किया। उनका मानना था कि सभी धर्म एक ही सत्य की ओर ले जाते हैं और सभी मनुष्यों में ईश्वर का प्रकाश मौजूद है।

    गुरुपरब के अवसर पर, सिख समुदाय गुरु नानक देव जी के जीवन और शिक्षाओं को याद करता है। वे उनके जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों को याद करते हैं, जैसे उनके जन्म, उनके ज्ञान की प्राप्ति और उनके सिख धर्म की स्थापना। गुरुपरब भक्तों को अपने जीवन में गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को अपनाने और एक निःस्वार्थ और आध्यात्मिक जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है।

    गुरु नानक देव जी के संदेश आज भी प्रासंगिक हैं। वे हमें मानवता, करुणा और ईश्वर के प्रति प्रेम के महत्व की याद दिलाते हैं। गुरुपरब एक उत्सव है जो हमें इन मूल्यों को हमारे जीवन में अपनाने और एक बेहतर दुनिया बनाने के लिए काम करने के लिए प्रेरित करता है।

    इस गुरुपरब, आइए हम गुरु नानक देव जी के संदेशों को अपने हृदय में धारण करें और उनके द्वारा बताए गए पथ पर चलने का प्रयास करें।