गुरु पूर्णिमा 2024




अंधकार से उजाले की ओर, अज्ञान से ज्ञान की ओर, भटकाव से प्रबुद्धता की ओर – गुरु हमें इस यात्रा पर ले जाते हैं। गुरु पूर्णिमा, जिसे आषाढ़ पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, आध्यात्मिक मार्गदर्शन और ज्ञान के उन प्रकाशकों को सम्मानित करने का एक पवित्र अवसर है।

गुरु पूर्णिमा 2024: 3 जुलाई, बुधवार

इस पवित्र दिन पर, हम अपने गुरुओं के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं, जो अंधकार से उजाले की ओर हमारा मार्गदर्शन करते हैं। गुरु शब्द का अर्थ है "वह जो अंधेरे को दूर करता है।" वे हमारे आध्यात्मिक पथ पर हमारे प्रबुद्ध साथी हैं।

गुरु पूर्णिमा को ऋषि व्यास, वेद व्यास के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है, जिन्होंने महाभारत और वेदों की व्याख्या लिखी थी। वह ज्ञान और ज्ञान के प्रतीक हैं, और इस दिन उनकी पूजा की जाती है।

इस पावन अवसर पर, मंदिर और आश्रम विशेष प्रार्थनाओं, मंत्र जपों और साधुओं के प्रवचनों का आयोजन करते हैं। भक्त अपने गुरुओं के चरणों में फूल, मिठाई और दीया अर्पित करते हैं। यह आध्यात्मिक नवीनीकरण और आत्म-प्रतिबिंब का समय है।

जैसे-जैसे सूर्य पूर्णिमा के अपने शिखर पर चढ़ता है, वैसे ही हम भी अपने भीतर के प्रकाश की खोज करते हैं। यह आत्म-जागरूकता और ज्ञान की खोज का समय है।

गुरु पूर्णिमा एक अनुस्मारक है कि ज्ञान हमेशा उपलब्ध है, यदि हम केवल उसके लिए खुले हैं। यह गुरुओं और उन सभी की सराहना करने का एक दिन है जो हमारे जीवन को प्रबुद्ध करते हैं।

तो आइए हम सभी इस गुरु पूर्णिमा को अपने गुरुओं को सम्मानित करें, उनकी शिक्षाओं में खुद को विसर्जित करें और आध्यात्मिक विकास के पथ पर आगे बढ़ें।