गोवर्धन पूजा दिवाली के दूसरे दिन मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है और पहाड़ी या पहाड़ जैसी संरचना का निर्माण किया जाता है। इस पर्व का नाम भगवान कृष्ण के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने गोवर्धन नामक एक पहाड़ी को उठाकर इंद्र के प्रकोप से ब्रजवासियों की रक्षा की थी।
गोवर्धन पूजा अन्नकूट के नाम से भी जानी जाती है। इस दिन लोग तरह-तरह के व्यंजन बनाते हैं और उन्हें भगवान कृष्ण को अर्पित करते हैं। इसके बाद, भक्त प्रसाद के रूप में भोजन का आनंद लेते हैं।
गोवर्धन पूजा प्रकृति और पर्यावरण की पूजा का भी प्रतीक है। इस दिन लोग गायों की पूजा करते हैं, क्योंकि गाय को पवित्र माना जाता है। इसके साथ ही, लोग पेड़-पौधों की भी पूजा करते हैं।
गोवर्धन पूजा के दिन लोग अपने घरों और आंगनों में गोबर से गोवर्धन पहाड़ी की प्रतिकृति बनाते हैं। इस प्रतिकृति को फूलों, रंग-बिरंगे कागजों और बत्तियों से सजाया जाता है। कुछ लोग गोवर्धन पहाड़ी की प्रतिकृति बनाने के लिए मिट्टी या रेत का उपयोग भी करते हैं।
गोवर्धन पूजा का उत्सव देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है। साथ ही, कई स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों और नृत्यों का आयोजन किया जाता है।
गोवर्धन पूजा का त्योहार भगवान कृष्ण और प्रकृति के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता व्यक्त करने का एक अवसर है। यह त्योहार लोगों को एक साथ आने और प्रकृति के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने का मौका प्रदान करता है।