चीन का ताइवान के इर्द-गिर्द सैन्य अभ्यास




आपको वह वीडियो तो याद होगा ही, जिसमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपनी सेना को ताइवान पर चढ़ाई करने का आदेश देते नजर आए थे। यह वीडियो वायरल हो गया था और इस घटना ने दुनिया के सामने चीन की आक्रामक नीतियों को उजागर कर दिया था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस वीडियो के बाद चीन ने ताइवान के इर्द-गिर्द सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है?
दरअसल, चीन ताइवान को अपना अविभाज्य अंग मानता है और वह इसे अपने कब्जे में लेना चाहता है। इसी वजह से वह ताइवान के आसपास लगातार सैन्य अभ्यास करता रहता है। हाल ही में चीन ने ताइवान के आसपास सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास किया है। इस अभ्यास में चीन के नौसेना, वायु सेना और थल सेना के सभी अंग शामिल थे।
चीन के इस सैन्य अभ्यास से ताइवान और उसके सहयोगी देशों में चिंता पैदा हो गई है। ताइवान को डर है कि चीन उस पर हमला कर सकता है। वहीं, अमेरिका और जापान जैसे देशों का मानना है कि चीन ताइवान पर हमला करके एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपना दबदबा बढ़ाना चाहता है।
चीन के ताइवान के आसपास सैन्य अभ्यास से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। ऐसे में यह देखना बाकी है कि चीन ताइवान के मामले में क्या कदम उठाता है। क्या वह ताइवान पर हमला करेगा या फिर सिर्फ उसे धमका कर रखेगा? यह सवाल आने वाले समय में ही जवाब मिलेगा।

तिब्बत में चीन की दमनकारी नीतियां

चीन की ताइवान पर आक्रामक नीतियों के अलावा, तिब्बत में उसकी दमनकारी नीतियां भी चर्चा का विषय हैं। तिब्बत पर चीन का कब्जा करीब 70 साल से भी ज्यादा समय से है। इस दौरान चीन ने तिब्बतियों पर लगातार अत्याचार किए हैं। चीन ने तिब्बतियों की धार्मिक स्वतंत्रता छीन ली है, उनकी संस्कृति को नष्ट कर दिया है और उनके प्राकृतिक संसाधनों का दोहन किया है।

तिब्बतियों के खिलाफ चीन की दमनकारी नीतियों के कारण तिब्बतियों में चीन के खिलाफ भारी रोष है। तिब्बती लगातार चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते रहते हैं और अपनी स्वतंत्रता की मांग करते रहते हैं। लेकिन चीन तिब्बतियों की मांगों को दबाता रहता है और तिब्बत में अपने शासन को और भी मजबूत करता जा रहा है।

तिब्बत में चीन की दमनकारी नीतियां दुनिया के लिए चिंता का विषय हैं। तिब्बतियों के मानवाधिकारों का हनन किया जा रहा है और उनकी संस्कृति को नष्ट किया जा रहा है। दुनिया को चीन से तिब्बतियों के मानवाधिकारों का सम्मान करने और उनकी स्वतंत्रता की मांग को पूरा करने की मांग करनी चाहिए।

>ताइवान: चीन के लिए एक चुनौती

ताइवान एक ऐसा द्वीप है जो चीन के दक्षिण-पूर्व तट पर स्थित है। ताइवान की जनसंख्या करीब 2 करोड़ 30 लाख है। ताइवान की अपनी एक अलग सरकार और सेना है। हालांकि, चीन ताइवान को अपना अविभाज्य अंग मानता है और वह इसे अपने कब्जे में लेना चाहता है।

ताइवान चीन के लिए एक बड़ी चुनौती है। ताइवान की सेना काफी मजबूत है और वह चीन के किसी भी हमले का कड़ा मुकाबला कर सकती है। इसके अलावा, अमेरिका और जापान जैसे देश ताइवान के समर्थन में खड़े हैं। ऐसे में चीन के लिए ताइवान पर कब्जा करना आसान नहीं होगा।

ताइवान का मुद्दा दुनिया के लिए चिंता का विषय है। यदि चीन ताइवान पर हमला करता है, तो इससे क्षेत्र में युद्ध छिड़ सकता है। ऐसे में दुनिया को चीन से ताइवान के मुद्दे को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने की मांग करनी चाहिए।

>चीन की आक्रामक नीतियों से दुनिया को खतरा

चीन की आक्रामक नीतियों से दुनिया को खतरा है। चीन की ताइवान, तिब्बत और दक्षिण चीन सागर में दावेदारियां दुनिया के लिए चिंता का विषय हैं। चीन की ये नीतियां क्षेत्र में तनाव बढ़ा रही हैं और युद्ध के खतरे को बढ़ा रही हैं।

दुनिया को चीन से उसकी आक्रामक नीतियों को छोड़ने की मांग करनी चाहिए। चीन को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान करना चाहिए और शांतिपूर्ण तरीके से अपनी समस्याओं का समाधान करना चाहिए। यदि चीन अपनी आक्रामक नीतियों को जारी रखता है, तो इससे दुनिया के लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

>क्या चीन ताइवान पर हमला करेगा?

यह सवाल दुनिया भर के लोगों के मन में है। चीन ताइवान को अपना अविभाज्य अंग मानता है और वह इसे अपने कब्जे में लेना चाहता है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या चीन ताइवान पर हमला करेगा? इस सवाल का जवाब देना मुश्किल है।

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि चीन ताइवान पर हमला कर सकता है। उनका तर्क है कि चीन ताइवान को किसी भी कीमत पर अपने कब्जे में लेना चाहता है। वहीं, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि चीन ताइवान पर हमला नहीं करेगा। उनका तर्क है कि चीन जानता है कि ताइवान पर हमला करने से उसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय का सामना करना पड़ेगा।

यह तो समय ही बताएगा कि चीन ताइवान पर हमला करेगा या नहीं। लेकिन इतना तो तय है कि चीन की ताइवान को लेकर आक्रामक नीतियां दुनिया के लिए चिंता का विषय हैं।