चम্পई सोरेन बीजेपी




2019 के लोकसभा चुनाव में, भारत की सबसे पुरानी आदिवासी राजनीतिक पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने भाजपा के साथ गठबंधन किया था। गठबंधन में, JMM ने सात सीटों पर चुनाव लड़ा और पाँच जीते, जबकि BJP ने 13 सीटों पर चुनाव लड़ा और 11 जीते।
भाजपा और JMM के बीच यह गठबंधन काफी महत्वपूर्ण था, क्योंकि यह लोकसभा चुनाव से पहले दोनों दलों के बीच संबंधों में सुधार का संकेत था। दोनों दलों के बीच मतभेद थे, खासकर राज्य में आदिवासियों के अधिकारों के मुद्दे पर। हालाँकि, वे एक आम दुश्मन, कांग्रेस को हराने की इच्छा से एकजुट हो गए थे।
चम্পाई सोरेन, जो JMM के अध्यक्ष हैं, चुनावी गठबंधन में एक प्रमुख व्यक्ति थे। वह लोकसभा चुनाव से पहले कई मौकों पर भाजपा नेतृत्व से मिले और उन्होंने कहा था कि उनका मानना है कि दोनों दल मिलकर झारखंड में विकास ला सकते हैं।
चुनाव के बाद, चम্পाई सोरेन ने कहा कि वह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में शामिल होने के लिए तैयार हैं। हालाँकि, भाजपा ने कहा कि सरकार में JMM को कोई पद नहीं दिया जाएगा। इस फैसले से JMM समर्थकों में निराशा हुई, लेकिन चम্পाई सोरेन ने कहा कि उनका भाजपा के साथ गठबंधन जारी रहेगा।
2024 में होने वाले अगले लोकसभा चुनाव में, यह देखना दिलचस्प होगा कि चम্পाई सोरेन और भाजपा के बीच गठबंधन जारी रहता है या नहीं। दोनों दलों के बीच संबंध तनावपूर्ण रहे हैं, और JMM समर्थकों के बीच भाजपा के प्रति नाराजगी है। हालाँकि, अगर दोनों दल एक साथ काम कर सकते हैं और कांग्रेस को हरा सकते हैं, तो इसका झारखंड राज्य पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।