चेरुкури रामाजी राव: एक फिल्म साम्राज्य के निर्माता




आप फिल्म देखने जाते हैं, और अचानक स्क्रीन पर एक परिचित नाम फ्लैश हो जाता है - "चेरुकुरी रामाजी राव"। आप शायद सोचते हैं, "ओह, यह वह आदमी है जिसने इस फिल्म का निर्माण किया है।" लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आदमी केवल एक फिल्म निर्माता से कहीं ज्यादा है? वह एक सपने देखने वाले, एक उद्यमी और भारतीय सिनेमा के पितामह हैं।
रामाजी राव का जन्म 1936 में आंध्र प्रदेश के तटीय जिले पूर्वी गोदावरी में हुआ था। एक किसान के बेटे के रूप में, उन्होंने अपनी प्रारंभिक ज़िंदगी गरीबी और संघर्ष में बिताई। लेकिन उन्होंने कभी अपने सपनों को नहीं छोड़ा। कम उम्र से, उन्हें फिल्मों और कहानी कहने से प्यार था।
अपने सपनों को साकार करने के लिए, रामाजी राव ने मुंबई जाने के लिए अपने घर को छोड़ दिया। उन्होंने कई विषम नौकरियाँ कीं, लेकिन फिल्म उद्योग में एक जगह बनाने का उनका दृढ़ संकल्प अटूट रहा। 1960 में, उन्हें अपनी पहली सफलता मिली जब उनकी पहली फिल्म, "पल्लु के बंधन", रिलीज़ हुई। फिल्म एक ब्लॉकबस्टर थी, और रामाजी राव रातों-रात एक सितारे बन गए।
"पल्लु के बंधन" की सफलता ने रामाजी राव के करियर की नींव रखी। उन्होंने कई और लोकप्रिय फिल्में बनाईं, जिनमें "भाग्यलक्ष्मी", "सत्यम शिवम सुंदरम" और "अला वैकुंठपुरमलू" शामिल हैं। उन्होंने अपनी फिल्मों के माध्यम से सामाजिक मुद्दों पर भी बात की, और उनकी कई फिल्में सामाजिक परिवर्तन की प्रेरणा रही हैं।
लेकिन रामाजी राव का सपना केवल फिल्में बनाने तक ही सीमित नहीं था। वह भारतीय सिनेमा के भविष्य के बारे में एक दृष्टिकोण रखते थे। 1986 में, उन्होंने हैदराबाद में Ramoji Film City की स्थापना की, जो दुनिया का सबसे बड़ा फिल्म स्टूडियो परिसर है। फिल्म सिटी में 1,666 एकड़ जमीन है और इसमें कई स्टूडियो, साउंडस्टेज, गार्डन और अन्य सुविधाएं हैं।
भारतीय सिनेमा में रामाजी राव के योगदान की सराहना की गई है और उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें पद्म भूषण और दादा साहब फाल्के पुरस्कार शामिल हैं। उन्हें 2013 में तेलुगु राज्य आंध्र प्रदेश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान एनटी रामा राव लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड भी मिला था।
रामाजी राव केवल एक सफल फिल्म निर्माता ही नहीं, बल्कि एक दूरदर्शी और एक उद्यमी भी हैं। उन्होंने भारतीय सिनेमा के परिदृश्य को बदल दिया है, और उनकी विरासत आने वाले कई वर्षों तक प्रेरणा देती रहेगी। उनकी कहानी हमें याद दिलाती है कि बड़े सपने देखना और उनका पीछा करना कभी बंद नहीं करना चाहिए।