जगदीप धनखड़: एक किसान से भारत के उपराष्ट्रपति तक का सफर




एक किसान के बेटे की असाधारण यात्रा
किसान के बेटे जगदीप धनखड़ की कहानी प्रेरणा से भरी हुई है। राजस्थान के एक छोटे से गांव में जन्मे, उन्होंने कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के बल पर जीवन में ऊंचाइयों को छुआ है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
धनखड़ का जन्म 18 मई, 1951 को खिजनवास गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा गांव के स्कूल से प्राप्त की और फिर आगे की पढ़ाई के लिए जयपुर चले गए। उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
वकालत करियर
कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद, धनखड़ ने वकालत की शुरुआत की। उन्होंने 1979 में राजस्थान हाई कोर्ट में वकालत शुरू की और जल्द ही अपनी कानूनी प्रतिभा से पहचान बनाई। वे कई हाई-प्रोफाइल मामलों में शामिल थे और एक कुशल वकील के रूप में जाने गए।
राजनीतिक सफर
धनखड़ का राजनीतिक सफर 1989 में शुरू हुआ, जब वे जनता दल के टिकट पर झुंझुनूं लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए। उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव सरकार में संसदीय कार्य राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया।
2019 में, धनखड़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और राजस्थान राज्यसभा के लिए चुने गए। जुलाई 2022 में, उन्हें भारत का उपराष्ट्रपति चुना गया।
उपराष्ट्रपति के रूप में
उपराष्ट्रपति के रूप में, धनखड़ संसद के राज्यसभा के सभापति हैं। उन्होंने इस भूमिका में प्रभावी ढंग से काम किया है, सदन में बहस को सुचारू रूप से संचालित किया है और संवैधानिक मामलों पर मार्गदर्शन प्रदान किया है।
एक साधारण व्यक्ति
धनखड़ की उपलब्धियों के बावजूद, वह जमीन से जुड़े एक साधारण व्यक्ति बने हुए हैं। उन्होंने कभी भी अपनी जड़ों को नहीं भुलाया है और अपने गांव से अपना जुड़ाव बनाए रखा है। वह हमेशा लोगों के करीब रहे हैं और उनकी चिंताओं और आकांक्षाओं को समझते हैं।
आकांक्षी युवाओं के लिए प्रेरणा
जगदीप धनखड़ की कहानी आकांक्षी युवाओं के लिए एक प्रेरणा है। यह बताती है कि कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प और जुनून से कोई भी अपने सपनों को हासिल कर सकता है। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि साधारण पृष्ठभूमि वाले लोग भी असाधारण ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं।
भारत के भविष्य के लिए एक संपत्ति
जगदीप धनखड़ एक अनुभवी राजनेता और एक प्रतिष्ठित कानूनविद हैं। उपराष्ट्रपति के रूप में, वह भारत के भविष्य के लिए एक संपत्ति हैं। उनका अनुभव और ज्ञान देश को प्रगति के पथ पर ले जाने में मदद करेगा।