जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024




जनवरी 2024 में जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव चुनाव आयोग द्वारा कराए गए थे। ये चुनाव 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीन चरणों में कराए गए थे। पहले चरण में 18 सितंबर, दूसरे चरण में 25 सितंबर और तीसरे और अंतिम चरण में 1 अक्टूबर को मतदान हुआ था।

चुनाव में कुल 823 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें 794 पुरुष और 29 महिलाएं शामिल थीं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) ने सबसे अधिक 86 उम्मीदवार खड़े किए, उसके बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 83 और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने 73 उम्मीदवार खड़े किए।

मतगणना 8 अक्टूबर को हुई और नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन ने 49 सीटें जीतकर चुनाव जीत लिया। भारतीय जनता पार्टी ने 35 सीटें जीतीं, जबकि अन्य दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों ने शेष छह सीटें जीतीं।

चुनाव परिणामों का विश्लेषण

जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के परिणामों ने कई महत्वपूर्ण रुझानों का खुलासा किया:

  • नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन की जीत: गठबंधन ने चुनाव में प्रभावशाली प्रदर्शन किया, 49 सीटें जीतीं। यह आंशिक रूप से पार्टियों के बीच एकजुट मोर्चा बनाने और धर्मनिरपेक्ष और मिलावट-विरोधी एजेंडे के आसपास अभियान चलाने के कारण था।
  • भारतीय जनता पार्टी का नुकसान: भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव में 10 सीटें गंवा दीं, जो 2014 के विधानसभा चुनावों में उसके प्रदर्शन में गिरावट का संकेत देता है। यह आंशिक रूप से पार्टी के राज्य सरकार के प्रदर्शन से असंतोष और विपक्ष के बीच एक मजबूत गठबंधन के कारण था।
  • क्षेत्रीय दलों का उदय: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और गुपकर घोषणापत्र गठबंधन जैसे क्षेत्रीय दलों ने चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया, क्रमशः 5 और 2 सीटें जीतीं। यह इन दलों के स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने और जमीन पर मजबूत संगठन की क्षमता का संकेत देता है।
  • मतदान प्रतिशत में वृद्धि: चुनाव में मतदान प्रतिशत में वृद्धि हुई, जो 2014 के विधानसभा चुनावों में 65.02% से बढ़कर 2024 में 70.82% हो गया। इससे पता चलता है कि लोगों में चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने की इच्छा है और वे राज्य के भविष्य के बारे में चिंतित हैं।

जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के परिणाम राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत देते हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन की जीत से राज्य में एक स्थिर सरकार बनने की संभावना है, जबकि भारतीय जनता पार्टी के नुकसान से पता चलता है कि उसे राज्य में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए और अधिक प्रयास करने की जरूरत है।