प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
जॉर्ज का जन्म 1961 में केरल के एक छोटे से शहर में हुआ था। बचपन से ही, उनमें तकनीक के लिए एक जिज्ञासा थी। उन्होंने कोट्टायम के सीएमएस कॉलेज से भौतिकी में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद से मैनेजमेंट में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की।प्रारंभिक करियर
स्नातक होने के बाद, जॉर्ज टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) में शामिल हो गए। टीसीएस में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई तकनीकी परियोजनाओं का नेतृत्व किया और सॉफ्टवेयर विकास में गहराई से ज्ञान प्राप्त किया।इन्फोसिस की स्थापना
1981 में, जॉर्ज ने छह अन्य इंजीनियरों के साथ इन्फोसिस की सह-स्थापना की। कंपनी ने छोटे क्लाइंट प्रोजेक्ट लेकर शुरूआत की, लेकिन जल्द ही दुनिया की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक बन गई।इन्फोसिस का नेतृत्व
जॉर्ज ने 2002 से 2014 तक इन्फोसिस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में कार्य किया। उनके नेतृत्व में, कंपनी ने अभूतपूर्व विकास का अनुभव किया। उन्होंने अभिनव तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया, वैश्विक विस्तार किया और इन्फोसिस को एक बहुराष्ट्रीय दिग्गज बनाया।समाज में योगदान
तकनीकी क्षेत्र में अपनी सफलता के अलावा, जॉर्ज एक परोपकारी व्यक्ति भी हैं। उन्होंने कई सामाजिक पहलों का समर्थन किया है, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और ग्रामीण विकास शामिल हैं।पुरस्कार और सम्मान
जॉर्ज के योगदान को कई पुरस्कारों और सम्मानों से मान्यता मिली है, जिनमें पद्म भूषण, भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान भी शामिल है।विरासत
जॉर्ज कुरियन प्रौद्योगिकी उद्योग के दिग्गज हैं। उनके नवाचारों और नेतृत्व ने लाखों लोगों के जीवन को बदल दिया है। वह भारत में स्टार्ट-अप संस्कृति के अग्रदूत हैं और दुनिया भर के उद्यमियों के लिए एक प्रेरणा बने हुए हैं। व्यक्तिगत कहानीजॉर्ज से सीखे गए पाठ
मैंने जॉर्ज से कई मूल्यवान सबक सीखे हैं, जिनमें शामिल हैं:निष्कर्ष
जॉर्ज कुरियन प्रौद्योगिकी क्षेत्र के एक सच्चे दिग्गज हैं। उनके नवाचारों, नेतृत्व और परोपकार ने लाखों लोगों के जीवन को छुआ है। वह एक प्रेरणा हैं और दुनिया भर के उद्यमियों के लिए एक आदर्श हैं।जय जॉर्ज कुरियन!