जुलाई महीने में होने वाले जुलाना विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। इस बार इस सीट पर कांग्रेस की ओलंपिक पदक विजेता विनेश फोगाट का मुकाबला भाजपा के मौजूदा विधायक योगेश बैरागी से होने वाला है। यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है और पिछले तीन चुनावों से यहां से कांग्रेस ही जीतती आ रही है।
चुनावी मुद्दे
उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि
विनेश फोगाट (कांग्रेस)
विनेश फोगाट एक ओलंपिक पदक विजेता पहलवान हैं। उन्होंने 2020 ओलंपिक में महिलाओं की 53 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती में कांस्य पदक जीता था। वह 2014 और 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में भी स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। राजनीति में आने से पहले वह भारतीय रेलवे में नौकरी करती थीं।
योगेश बैरागी (भाजपा)
योगेश बैरागी वर्तमान में जुलाना से विधायक हैं। वह 2019 में हुए उपचुनाव में जीते थे। वह भाजपा के युवा नेता हैं और पार्टी के अंदर उनका अच्छा खासा दबदबा है।
चुनाव प्रचार का माहौल
जुलाना विधानसभा सीट पर चुनाव प्रचार का माहौल काफी गर्म है। दोनों ही प्रमुख पार्टियों के उम्मीदवार मतदाताओं को लुभाने के लिए जमकर प्रचार कर रहे हैं। दोनों उम्मीदवारों ने अपने-अपने चुनावी घोषणापत्र जारी किए हैं जिसमें उन्होंने मतदाताओं को कई सारे वादे किए हैं।
मतदाताओं का मूड
जुलाना विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं का मूड इस बार काफी बदलता हुआ नजर आ रहा है। लोग मौजूदा विधायक के कामकाज से काफी नाराज हैं और इस बार बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि मौजूदा विधायक ने अपने कार्यकाल में कोई खास काम नहीं किया है और इसलिए इस बार उन्हें वोट नहीं देंगे।
संभावित नतीजे
जुलाना विधानसभा सीट पर इस बार मुकाबला काफी कड़ा होने की उम्मीद है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियां इस सीट को जीतने के लिए जी-जान से जुटी हुई हैं। हालांकि, मतदाताओं का मूड देखकर ऐसा लग रहा है कि इस बार कांग्रेस को जीत मिल सकती है।
चुनाव परिणाम का असर
जुलाना विधानसभा सीट पर चुनाव परिणाम का राज्य की राजनीति पर काफी असर पड़ सकता है। अगर कांग्रेस इस सीट को जीत जाती है तो यह पार्टी के लिए एक बड़ी जीत होगी और इससे पार्टी को 2024 के विधानसभा चुनाव में भी मदद मिलेगी। वहीं, अगर भाजपा इस सीट को जीत जाती है तो यह पार्टी के लिए एक बड़ी राहत होगी और इससे पार्टी के मनोबल में बढ़ोतरी होगी।
जुलाना विधानसभा चुनाव का परिणाम 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव का रुख तय करेगा। अगर कांग्रेस इस सीट को जीत जाती है तो यह पार्टी के लिए एक बड़ी जीत होगी और इससे पार्टी को 2024 के विधानसभा चुनाव में भी मदद मिलेगी। वहीं, अगर भाजपा इस सीट को जीत जाती है तो यह पार्टी के लिए एक बड़ी राहत होगी और इससे पार्टी के मनोबल में बढ़ोतरी होगी।