जवाहरलाल नेहरू: भारत के प्रथम प्रधानमंत्री




भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महान नेताओं में से एक जवाहरलाल नेहरू का नाम हमेशा स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। वे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने देश को आधुनिक और प्रगतिशील राष्ट्र बनाने में अहम भूमिका निभाई।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर, 1889 को इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में एक संपन्न परिवार में हुआ था। उनके पिता मोतीलाल नेहरू एक प्रसिद्ध वकील और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता थे। नेहरू की शुरुआती शिक्षा इंग्लैंड में हुई, जहां उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई की।

स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान

इंग्लैंड से लौटने के बाद, नेहरू भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बने और महात्मा गांधी के निकट सहयोगी बन गए। नेहरू ने अहिंसा और सविनय अवज्ञा के गांधीवादी सिद्धांतों का समर्थन किया। वे कई बार जेल गए और ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ आंदोलनों का नेतृत्व किया।

स्वतंत्रता के बाद

भारत को 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्रता मिली। नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने। उन्होंने देश के निर्माण और आधुनिकीकरण में अथक प्रयास किए। उन्होंने शिक्षा, उद्योग और विज्ञान प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया। नेहरू ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसका उद्देश्य शीत युद्ध के दौरान तटस्थ रहना था।

विदेश नीति

नेहरू की विदेश नीति पंचशील सिद्धांतों पर आधारित थी, जो कि शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व, पारस्परिक सम्मान और गैर-हस्तक्षेप के सिद्धांत थे। उन्होंने भारत और उसके पड़ोसी देशों के बीच अच्छे संबंधों को बढ़ावा दिया। नेहरू सार्वभौमिक शांति और निरस्त्रीकरण के भी प्रबल समर्थक थे।

सामाजिक और आर्थिक नीतियां

नेहरू का मानना था कि एक मजबूत और समृद्ध समाज बनाने के लिए सामाजिक और आर्थिक विकास आवश्यक है। उन्होंने भूमि सुधार, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल में सुधार लाने के लिए कई नीतियां शुरू कीं। नेहरू ने मिश्रित अर्थव्यवस्था की अवधारणा का भी समर्थन किया, जिसमें निजी और सार्वजनिक क्षेत्र दोनों की भूमिका थी।

विरासत

27 मई, 1964 को नेहरू का निधन हो गया। उन्हें भारत के सबसे महान नेताओं में से एक माना जाता है। उनकी विरासत भारत के निर्माण और विकास में उनके अतुलनीय योगदान में निहित है। उन्हें भारत के आधुनिक वास्तुकार और एक ऐसे नेता के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने देश को विश्व मंच पर सम्मान की स्थिति दिलाई।

व्यक्तिगत जीवन और व्यक्तित्व

जवाहरलाल नेहरू एक विलक्षण व्यक्ति थे। वे बुद्धिमान, दूरदर्शी और अत्यधिक कुशल राजनीतिज्ञ थे। वे एक प्रखर वक्ता और लेखक भी थे। नेहरू साहित्य, इतिहास और संस्कृति के भी प्रेमी थे।

एक कहानी

एक बार, नेहरू एक गांव का दौरा कर रहे थे। वे एक झोपड़ी में रुके, जहां एक बुजुर्ग महिला रहती थी। महिला बहुत गरीब थी और उसके पास अपने मेहमान को खिलाने के लिए कुछ नहीं था। नेहरू ने महिला से कहा, "चिंता मत करो, मैं अपना भोजन खुद बना लूंगा।" उन्होंने झोपड़ी के पीछे एक चूल्हा बनाया और खुद के लिए भोजन पकाया। यह घटना नेहरू की सादगी और आम लोगों के प्रति उनकी करुणा को दर्शाती है।

कॉल टू एक्शन

जवाहरलाल नेहरू की विरासत हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। आइए हम उनके आदर्शों को बनाए रखें और एक मजबूत, समृद्ध और शांतिपूर्ण भारत बनाने की दिशा में काम करें।