जवाहर सरकार: एक अनोखी और प्रेरक कहानी




जवाहर सरकार भारत के जाने-माने चिंतक, लेखक और वक्ता हैं। वह प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं, जिन्होंने भारत सरकार के सचिव और प्रसार भारती (डीडी, एआईआर) के सीईओ के रूप में कार्य किया है।

जीवन का सफर:

22 मार्च 1952 को कलकत्ता में जन्मे, जवाहर सरकार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय और कलकत्ता विश्वविद्यालय से प्राप्त की। बाद में, उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय और ससेक्स विश्वविद्यालय से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में उच्च शिक्षा प्राप्त की।

सरकार ने 1975 में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में प्रवेश किया और 42 वर्षों तक विभिन्न क्षमताओं में सेवा की। उन्होंने भारत सरकार के कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, जिसमें केंद्रीय सतर्कता आयुक्त का पद भी शामिल था।

प्रसार भारती में:

2016 में, सरकार को प्रसार भारती का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया गया। इस भूमिका में, उन्होंने सार्वजनिक प्रसारण के लिए नई दिशाएँ निर्धारित करने और डिजिटल युग में प्रसार भारती को ढालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

लोकतंत्र का प्रहरी:

सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद, सरकार ने खुद को लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रहरी के रूप में स्थापित किया है। वह सार्वजनिक मंचों पर सक्रिय रूप से बोलते हैं और सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त करते हैं।

विचारों का स्रोत:

सरकार एक विपुल लेखक भी हैं, जिन्होंने कई पुस्तकें और लेख लिखे हैं। उनकी रचनाएँ समकालीन भारतीय समाज, लोकतंत्र और शासन पर उनके विचारों का एक समृद्ध स्रोत हैं।

सम्मान और पुरस्कार:

सरकार के काम को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है। उन्हें कई सम्मान और पुरस्कार मिले हैं, जिनमें पद्म श्री शामिल है, जो भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।

निष्कर्ष:

जवाहर सरकार भारत के समकालीन इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। उनकी विविध प्रतिभाएँ और सार्वजनिक सेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें वर्तमान मामलों के प्रवचन में एक प्रभावशाली आवाज़ बना दिया है। उनकी अनूठी और प्रेरक कहानी हमें सिखाती है कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए जुनून और दृढ़ संकल्प की शक्ति है।