टीज त्यौहार का जश्न: खुशी, रंग और परंपरा का एक सैलाब




भारतीय संस्कृति रंग-बिरंगे त्योहारों से भरी हुई है। उनमें से एक है तीज का त्यौहार, जो हरियाली और खुशी की वापसी का प्रतीक है। यह त्यौहार देश के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाता है, प्रत्येक क्षेत्र की अपनी अनूठी परंपराओं और अनुष्ठानों के साथ।

पौराणिक कथाएं और महत्व

तीज का त्यौहार भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन की कहानी पर आधारित है। पौराणिक कथा के अनुसार, पार्वती ने शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। उनके वर्षों के तप और बलिदान ने आखिरकार शिव को प्रसन्न कर दिया, और वे उनके पास लौट आए।
तीज का त्यौहार इस पुनर्मिलन का उत्सव है, और यह विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की दीर्घायु और खुशी के लिए मनाया जाता है। यह मानसून ऋतु के दौरान मनाया जाता है, जब हरियाली फिर से जीवंत हो जाती है, प्रकृति की सुंदरता और जीवन के नवीनीकरण का प्रतीक है।

परंपराएं और अनुष्ठान

तीज त्यौहार से जुड़ी कई परंपराएं और अनुष्ठान हैं। विवाहित महिलाएं रंग-बिरंगे कपड़े पहनती हैं, आमतौर पर लाल या हरे रंग के। वे अपने हाथों और पैरों पर मेंहदी लगाती हैं और अपने माथे पर बिंदी लगाती हैं।
महिलाएं एक साथ इकट्ठा होती हैं और झूले झूलती हैं, जो त्यौहार का एक प्रमुख प्रतीक है। झूला खुशी और उत्सव का प्रतीक है, और महिलाएं इस दौरान लोक गीत गाती हैं और नृत्य करती हैं।
एक और महत्वपूर्ण परंपरा है सोलह श्रृंगार, जिसमें महिलाएं 16 विभिन्न प्रकार की सजावट करती हैं। माना जाता है कि इन श्रृंगार से पति की दीर्घायु और खुशी सुनिश्चित होती है।

व्यापक समारोह

तीज त्यौहार पूरे भारत में मनाया जाता है, लेकिन प्रत्येक क्षेत्र की अपनी अनूठी परंपराएं होती हैं। राजस्थान में तीज को गणगौर के नाम से जाना जाता है, और इसे बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। महिलाएं पारंपरिक राजस्थानी वेशभूषा में खूबसूरत झांकियां निकालती हैं और लोक नृत्य प्रस्तुत करती हैं।
गुजरात में तीज को हरतालिका तीज के रूप में मनाया जाता है, और महिलाएं 16 दिनों का उपवास रखती हैं। इस उपवास के दौरान, वे केवल फल और जूस खाती हैं और दिन में एक बार ही खाना खाती हैं।
उत्तर प्रदेश में तीज को तीजड़ा या हरियली तीज के नाम से जाना जाता है। महिलाएं झूला झूलती हैं, सांप की पूजा करती हैं और लोक गीत गाती हैं।

आधुनिक व्याख्या

परंपरागत रूप से, तीज त्यौहार विवाहित महिलाओं द्वारा मनाया जाता था। हालाँकि, हाल के वर्षों में, त्यौहार एक अधिक समावेशी उत्सव बन गया है। अब यह अविवाहित महिलाएं और जोड़े भी मनाते हैं।
आधुनिक युग में, तीज ने एक नया अर्थ ग्रहण किया है। यह महिलाओं के सशक्तिकरण और स्वतंत्रता का प्रतीक बन गया है। महिलाएं इस त्यौहार को अपने जीवन का जश्न मनाने और अपनी ताकत और लचीलापन दिखाने के अवसर के रूप में देखती हैं।

खुशी और उत्सव का समय

तीज त्यौहार खुशी, रंग और परंपरा का एक सैलाब है। यह प्रकृति के नवीनीकरण, जीवन के नवीनीकरण और प्रियजनों के साथ बंधन का जश्न है। चाहे आप परंपरागत तरीकों से मनाएं या अपने तरीके से, तीज का त्यौहार खुशी और उत्सव का समय है।
इस त्यौहार के अवसर पर, आइए हम अपने जीवन में खुशी, प्यार और समृद्धि की कामना करें। तीज की हार्दिक शुभकामनाएँ!