ट्रेन दुर्घटना। आज




सचिन को याद है, उस भयानक दिन को, जैसे कल ही हुआ हो। तेज बारिश हो रही थी और ट्रेन पटरी पर फिसल गई थी, जिससे कई लोगों की मौत हो गई थी। सचिन उस दुर्घटना से बच गया था, लेकिन उसे अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों को खोना पड़ा था।
दुर्घटना के बाद के दिनों में सचिन को उस भयानक रात को याद आती रही। वह सो नहीं पाता था और वह लगातार महसूस करता था कि कोई उसका पीछा कर रहा है। उसे मदद की ज़रूरत थी, लेकिन वह नहीं जानता था कि कहाँ से शुरू करे।
अंततः, सचिन एक परामर्शदाता से मिलने गया, जिसने उसे दुर्घटना के बाद के तनाव विकार (PTSD) से निपटने में मदद की। परामर्शदाता ने सचिन को अपने अनुभवों के बारे में बात करने में मदद की और उसे अपने जीवन को फिर से बनाने में मदद की।
सचिन अब PTSD से ग्रस्त नहीं है, लेकिन उसे अभी भी कभी-कभी दुर्घटना के बारे में सपने आते हैं। हालांकि, वह अब जानता है कि इन सपनों से कैसे निपटना है, और वह अपने जीवन को आगे बढ़ने में सक्षम रहा है।
ट्रेन दुर्घटना एक भयानक घटना थी, लेकिन इसने सचिन को एक मजबूत इंसान बना दिया। वह अब अधिक सहानुभूतिपूर्ण और आभारी है, और वह जानता है कि जीवन कितना कीमती है।
यदि आप या आपका कोई परिचित PTSD से जूझ रहा है, तो कृपया सहायता प्राप्त करें। कई संसाधन उपलब्ध हैं, और आप अकेले नहीं हैं।
सहायता के लिए, कृपया निम्नलिखित संसाधनों तक पहुँचें:
* राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम जीवनरेखा: 1-800-273-8255
* राष्ट्रीय आपदा तनाव नेटवर्क: 800-985-5990
* राष्ट्रीय आघात सूचना केंद्र: 1-800-666-1721