ताव पॉ थार एक प्रकार का खेल है जिसमें दो टीमें एक दूसरे के खिलाफ लड़ती हैं। यह खेल खासकर दक्षिण एशिया में लोकप्रिय है और इंडोनेशिया, थाईलैंड, मलेशिया और भारत में खेला जाता है। टॉ पॉ थार एक खेल के रूप में नहीं ही खेला जाता है, बल्कि यह शारीरिक संगठन, टीमवर्क और सामरिक नीतियों को विकसित करने के लिए भी एक महत्वपूर्ण माध्यम है।
टॉ पॉ थार का मतलब होता है "तारों का खेल"। इसमें दो टीमें एक लंबी रस्सी को खींचती हैं और इसका उपयोग करके विपक्षी टीम के खिलाड़ियों को उछाल-कूद करना होता है। रस्सी को एक स्थिर बिंदु से ऊपर खींचा जाता है और उसे टॉ पॉ ब्रांड कहा जाता है। खिलाड़ियों को रस्सी को छूने की कोशिश करनी होती है और उसे टच करने का प्रयास करना होता है। टच करने पर उन्हें स्कोर मिलता है और टीम का स्कोर बढ़ता है।
टॉ पॉ थार के टीमों में 12 खिलाड़ी होते हैं, जिनमें से 7 हमलावर होते हैं और 5 रस्सी खींचने वाले होते हैं। खेल का मकसद होता है रस्सी को खींचते वक्त खिलाड़ियों को अवरुद्ध करना और उन्हें टच करने से रोकना। टॉ पॉ थार के नियम अत्यंत सरल होते हैं, जिसके कारण यह खेल बच्चों और बड़ों दोनों के लिए उपयुक्त होता है।
टॉ पॉ थार खेलने के लिए उपयोग होने वाली रस्सी कई तरह की होती है। आमतौर पर, रस्सी का उपयोग लॉगों की उछाल-कूद में किया जाता है, लेकिन कुछ विशेष रस्सी भी होती हैं जो विभिन्न खेलों और खिलाड़ियों के लिए विशेष रूप से बनाई जाती हैं। यह रस्सी विभिन्न आकार और रंगों में उपलब्ध होती हैं।
टॉ पॉ थार खेलने के लिए खिलाड़ियों को अच्छी शारीरिक क्षमता, आक्रामकता, ताकत और तेज़ी की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, टॉ पॉ थार खेलने के लिए अच्छी टीमवर्क की आवश्यकता भी होती है। टीम के सदस्यों के बीच अच्छी संवाददृष्टि, संगठन की क्षमता और खेल के नियमों की समझ होनी चाहिए। यह खेल खेलने में मनोरंजन का एक बड़ा स्रोत है, लेकिन इसके साथ-साथ यह खेल खिलाड़ियों को संयम, सहनशीलता और टीमवर्क की क्षमता को भी सिखाता है।
इस प्रकार, टॉ पॉ थार एक मनोहारी खेल है जो स्वास्थ्य, मनोबल और टीमवर्क की बढ़ावा देने में मदद करता है। यह खेल देशों के बीच साझा संस्कृति का भी प्रतीक है और एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है। इसलिए, टॉ पॉ थार को आगे बढ़ाने और इसे लोकप्रियता देने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए।