डोमेस्टिक वायलेंस: एक छिपा हुआ सच




मैं रेवथी संपत हूं, और आज, मैं घरेलू हिंसा के सर्वव्यापी मुद्दे के बारे में बात करना चाहती हूं - एक ऐसा विषय जो मुझे व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों रूप से गहराई से प्रभावित करता है।
यह कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि घरेलू हिंसा हमारे समाज में एक व्याप्त महामारी है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो लिंग, जाति, धर्म या आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना हर संस्कृति और समुदाय को प्रभावित करता है।
आंकड़े चौंका देने वाले हैं: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, भारत में हर तीन मिनट में एक महिला घरेलू हिंसा का मामला दर्ज करती है। हालाँकि, ये आंकड़े केवल बताई गई घटनाओं को दर्शाते हैं, वास्तविक संख्याएँ बहुत अधिक होने का अनुमान है।
घरेलू हिंसा कई रूप लेती है, जिसमें शारीरिक, भावनात्मक, यौन और आर्थिक दुर्व्यवहार शामिल है। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि घरेलू हिंसा हमेशा शारीरिक चोट के बारे में नहीं होती है; यह भावनात्मक और मानसिक शोषण के अधिक सूक्ष्म और कपटी रूपों में भी प्रकट हो सकती है।
  • शारीरिक दुर्व्यवहार में धक्का-मुक्की, पीटना, लात मारना, घसीटना या किसी भी अन्य रूप से शारीरिक रूप से नुकसान पहुँचाना शामिल है।
  • भावनात्मक दुर्व्यवहार में अपमान, अपमान, आलोचना, धमकी, उपेक्षा या एकांत में रखना शामिल है।
  • यौन दुर्व्यवहार में जबरदस्ती शामिल है, चाहे बलात्कार हो या कोई अन्य रूप।
  • आर्थिक दुर्व्यवहार में किसी व्यक्ति को आर्थिक रूप से नियंत्रित करना शामिल है, जैसे कि उनके पैसे या क्रेडिट कार्ड तक पहुंच से वंचित करना या उन्हें काम करने से रोकना।
घरेलू हिंसा का पीड़ित होना शर्मनाक या असहाय महसूस कराने वाला हो सकता है। हालाँकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि हर कोई जो घरेलू हिंसा का शिकार होता है वह एक योद्धा होता है, और मदद उपलब्ध है।
यदि आप घरेलू हिंसा का सामना कर रहे हैं, तो कृपया जान लें कि आप अकेले नहीं हैं। कई संसाधन हैं जो मदद कर सकते हैं, जैसे हॉटलाइन, आश्रय और कानूनी सहायता।

मुझे पता है कि घरेलू हिंसा के बारे में बात करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन यह बहुत जरूरी है कि हम इस समस्या के बारे में जागरूकता बढ़ाएं और इसे खत्म करने के लिए मिलकर काम करें। एक समाज के रूप में, हमारी जिम्मेदारी है कि हम घरेलू हिंसा को समाप्त करने और सभी पीड़ितों को सुरक्षा और समर्थन प्रदान करने के लिए काम करें।

इस महामारी को खत्म करने में हम सबकी भूमिका है। हम एक सहायक समुदाय बनाकर और पीड़ितों को मदद लेने के लिए प्रोत्साहित करके शुरू कर सकते हैं।

हम सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इस मुद्दे पर ध्यान देने और पीड़ितों को न्याय दिलाने की भी मांग कर सकते हैं।

यदि हम सब मिलकर काम करेंगे, तो हम एक ऐसा समाज बना सकते हैं जहां घरेलू हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम एक ऐसा समाज बना सकते हैं जहाँ सभी को सुरक्षित और सम्मानपूर्वक जीने का अधिकार हो।