तीज: त्योहार जिसने सजीव किया मेरा बचपन




तीज, हरियाली का त्योहार, मेरे बचपन की सबसे प्यारी यादों में से एक है। ये वो समय होता था जब मैं अपनी माँ और बहनों के साथ ढेर सारे स्वादिष्ट व्यंजन बनाती थी, नए कपड़े पहनती थी, और पूरा दिन नाचती-गाती रहती थी।

सुबह-सुबह, हम सब मिलकर घर की साफ-सफाई करते थे और रंगोली बनाते थे। फिर माँ और मैं रसोई में घुस जाते थे और पूरे दिन पकौड़े, चूरमा, और मालपुए बनाते थे। हरे-भरे रंग के कपड़े पहने, हम पूरे दिन स्विंग करती थीं और गीत गाती थीं।

तीज की शाम, हम गाँव के मंदिर जाते थे और पूजा करते थे। मंदिर से लौटकर, हम सब मिलकर आसमान में उड़ते पतंगों को देखते थे। रात में, हम सभी एक साथ बैठकर कहानियाँ सुनाते थे और हँसते थे।

  • एक बार, तीज के दिन, मैं और मेरी बहनें एक बहुत बड़ी स्विंग पर खेल रही थीं। अचानक, स्विंग टूट गई और हम सभी जमीन पर गिर पड़े। सभी को चोट आई, लेकिन हम इतने हँसे कि सारा दर्द भूल गए।
  • एक और बार, मैं और मेरी माँ तीज की तैयारियों में इतनी व्यस्त हो गईं कि हमने खाना बनाना ही भूल गईं। जब हमें एहसास हुआ, तो हम दोनों को बहुत भूख लगी थी। आखिरकार, हमने रात में ही पकौड़े और चूरमा बनाया और भर पेट खाया।
  • तीज मेरे लिए सिर्फ एक त्योहार नहीं था, बल्कि ये मेरे परिवार और समुदाय के साथ जुड़ने का समय भी था। ये एक ऐसा समय था जब हम सभी एक साथ आते थे, हँसते थे, और खुशियाँ मनाते थे।

    अब, जब मैं खुद एक माँ हूँ, तो मैं अपनी बेटियों के लिए भी तीज को उतना ही खास बनाने की कोशिश करती हूँ जितना कि ये मेरे लिए था। मैं चाहती हूँ कि उन्हें भी बचपन की वही अद्भुत यादें हों जो मेरे पास हैं।

    तीज, हरियाली और खुशियों का त्योहार, हमेशा मेरे लिए खास रहेगा। ये वो त्योहार है जो मुझे अपने बचपन की मधुर यादों में ले जाता है और मुझे मेरे परिवार और समुदाय के करीब लाता है।