तीज त्यौहार - हरियाली, खुशियों और महिला सशक्तिकरण का प्रतीक




प्रस्तावना:
भारतीय संस्कृति में त्यौहारों का एक विशेष स्थान है। ये त्यौहार न केवल सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखते हैं, बल्कि सामाजिक एकता को भी मजबूत करते हैं। ऐसे ही एक महत्वपूर्ण त्यौहार है 'तीज', जो हरियाली, खुशियों और महिला सशक्तिकरण का प्रतीक माना जाता है।
हरियाली का प्रतीक:
तीज त्यौहार वर्षा ऋतु के आगमन का संकेत है। मानसून की बौछारों से धरती हरी-भरी हो जाती है। यह हरियाली जीवन, विकास और समृद्धि का प्रतीक है। तीज के दिन महिलाएं हरे रंग के वस्त्र पहनती हैं और पारंपरिक नृत्य 'गौरा' करती हैं, जो हरियाली का जश्न मनाता है।
खुशियों का प्रतीक:
तीज को खुशियों का त्यौहार भी माना जाता है। महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। व्रत को तोड़ने के बाद, वे अपने पति को तीज का विशेष भोजन परोसती हैं। साथ ही, तीज के दिन महिलाएं झूले झूलती हैं, गीत गाती हैं और एक-दूसरे के साथ खुशियाँ साझा करती हैं।
महिला सशक्तिकरण का प्रतीक:
तीज त्यौहार को महिला सशक्तिकरण का प्रतीक भी माना जाता है। इस दिन, महिलाएं अपने पतियों से विदा लेकर अपने मायके जाती हैं। यह प्रथा पितृसत्तात्मक समाज की उन जड़ों को चुनौती देती है जो महिलाओं को पुरुषों पर निर्भर बनाती हैं। तीज महिलाओं को अपनी जड़ों और अपनी पहचान को याद दिलाता है।
व्यक्तिगत अनुभव:
मेरी माँ के लिए तीज हमेशा एक विशेष दिन रहा है। वह अपने भाइयों और बहनों के साथ गौरा नृत्य करती थीं और अपने पति के लिए विशेष पकवान बनाती थीं। उनके चेहरे पर तीज की खुशी साफ नज़र आती थी। उनके अनुभव ने मुझे तीज के त्यौहार में निहित अर्थ को गहराई से समझाया।
निष्कर्ष:
तीज त्यौहार हरियाली, खुशियों और महिला सशक्तिकरण का एक अनूठा प्रतीक है। यह भारतीय संस्कृति की समृद्धता को दर्शाता है और महिलाओं को अपनी शक्ति और पहचान का जश्न मनाने का अवसर प्रदान करता है। हम सभी को इस त्यौहार को हर्षोल्लास के साथ मनाना चाहिए और इसके महत्वपूर्ण अर्थ को समझना चाहिए।