तापमान दिल्ली




दिल्ली में बढ़ती गर्मी से इंसानों से ज़्यादा दिल्ली के भूले-बिसरे अतीत को बहुत तकलीफ़ हो रही है.
दिल्ली की गर्मी तो दिल्लीवालों के लिए एक बड़ी समस्या है ही, पर इस गर्मी से सबसे ज़्यादा तकलीफ़ हो रही है उन क़िताबों को, उन पन्नों को, जिनमें दिल्ली का इतिहास लिखा है, दिल्ली की कहानियाँ लिखी हैं. यमुना किनारे बसा ये शहर, जहाँ पहले कई राज्यों का राज हुआ करता था, अब गर्मी से तप रहा है. दिल्ली के इस पुराने इतिहास में से कुछ पन्ने हम तक इसलिए पहुँच पाए हैं क्यूँकि उन्हें बड़ी सावधानी से संभाल कर रखा गया है. जैसे पुराने क़िले में रखी वो तोप, जिससे मुग़ल शासकों को तोपों की सलामी दी जाती थी. इसकी लोहे की बाहरी परत को लोहे के ऑक्साइड की परत ने इस गर्मी से बचाकर रखा है.
पर कुछ पुराने पन्ने ऐसे भी हैं, जिन्हें इतनी सावधानी से नहीं रखा जा सका है. कुछ पन्नों पर हमारे पूर्वजों ने इंक से अपनी कहानी लिखी है, कुछ पर लकड़ी के काले कोयले से. ऐसे पन्ने इस गर्मी में बहुत तेज़ी से खराब हो रहे हैं.
दिल्ली के एक ऐसे ही इलाके में रहने वाले एक अध्यापक, श्री रामदास, ने बताया कि कैसे यमुना किनारे एक छोटी सी झोपड़ी में उन्हें कुछ पुराने पन्ने मिले थे. उन पन्नों पर उर्दू में लिखी एक कहानी थी. उन्होंने पूरे इलाके में पता लगाया कि कौन इन पन्नों को पहचानता है, कौन इनकी भाषा पढ़ सकता है. लेकिन उन्हें कोई ऐसा नहीं मिला जो उनकी मदद कर सके.
अब दिल्ली के पुराने क़िले में इन पन्नों की देखभाल की जा रही है. क़िले की दीवारों पर लगी इन्फ़्रारेड लाइट से इन पन्नों को उमस और गर्मी से बचाया जा रहा है. इन पन्नों की सुरक्षा के लिए धातु की परत भी चढ़ाई जा रही है. इस तरह क़िले की दीवारों के अंदर बने म्यूजियम में दिल्ली का इतिहास आज भी सुरक्षित है और गर्मी के थपेड़ों से बचा हुआ है.
इन क़िताबों, इन पन्नों की देखभाल दिल्ली की ज़िम्मेदारी है. ये किताबें, ये पन्ने इस शहर की पहचान हैं. इन्हें गर्मी के मारे यूँ ही खराब नहीं होने दिया जा सकता. दिल्ली के इस इतिहास को बचाकर रखना दिल्ली की विरासत को बचाकर रखने जैसा है.
ये तो सिर्फ़ एक म्यूजियम की बात है. दिल्ली में कई ऐसे म्यूजियम हैं जहाँ इस शहर के इतिहास के पन्ने सहेजे गए हैं. इन पन्नों को गर्मी से बचाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाए जा सकते हैं, ये एक ज़रूरी सवाल है जिसका जवाब दिल्ली को ढूँढना होगा. दिल्ली का इतिहास गर्मी के थपेड़ों से तप रहा है. अगर दिल्ली को अपनी विरासत को बचाना है, तो उसे अपने इतिहास की रक्षा करनी होगी.