जैसे ही मानसून के बादल आसमान को ढंकने लगे और बारिश की बूँदें आवाज करने लगीं, जंगल में एक खूबसूरत दृश्य सामने आने लगा। हरे-भरे पत्ते और ताजे फूलों से सजी पेड़ों की टहनियाँ कमाल की लग रही थीं।
यह दृश्य और भी आकर्षक हो गया जब त्रिनेत्री, जंगल की सबसे अनोखी पक्षी, अपने तीन आँखों वाले चेहरे को दिखाते हुए एक पेड़ की शाखा पर उतरी।त्रिनेत्री सभी जंगल पक्षियों में सबसे बुद्धिमान और चालाक मानी जाती थी। उसकी तेज नज़र और तीक्ष्ण सुनने की क्षमता उसे जंगल में आसानी से रहने में मदद करती थी।
जंगल के जानवर त्रिनेत्री की बुद्धि और चालाकी से बहुत डरते थे। वे जानते थे कि उनकी तीन आँखें उन्हें हर चीज पर नजर रखने की अनुमति देती हैं, चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो।
त्रिनेत्री जंगल की एक महान अभिभावक थी। वह हमेशा अपने साथी पक्षियों को खतरे से बचाने के लिए तैयार रहती थी।एक बार, शिकारी जंगल में घुस आए और पक्षियों का शिकार करने लगे। त्रिनेत्री ने अपनी चमकदार आँखों से शिकारियों को देखा और तुरंत अपने साथी पक्षियों को चेतावनी दी।
पक्षी त्रिनेत्री की चेतावनी सुनकर तुरंत उड़ गए और शिकारी उन्हें पकड़ने में नाकाम रहे।
त्रिनेत्री जंगल की एक पौराणिक कथा थी। उसकी बुद्धि, चालाकी और साहस ने उसे सभी पक्षियों में सबसे सम्मानित बना दिया।और इसलिए, जंगल में, त्रिनेत्री की कहानी पीढ़ी-दर-पीढ़ी सुनाई जाती रही, एक ऐसे पक्षी के बारे में जो जंगल की आँखें थीं और सभी जीवों का अभिभावक था।