थाईलैंड के पीएम शिनावात्रा: सफलता और विवाद से भरा सफर
परिचय
थाईलैंड के पूर्व प्रधान मंत्री थाksin शिनावात्रा एक विवादास्पद और करिश्माई व्यक्ति हैं। अपने पूरे करियर में, उन्होंने भारी सफलता और तीव्र विरोध दोनों का सामना किया है। इस लेख में, हम शिनावात्रा के जीवन और करियर की पड़ताल करेंगे, उनकी उपलब्धियों, विफलताओं और उनके विरासत पर प्रकाश डालेंगे।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
थाksin शिनावात्रा का जन्म 26 जुलाई, 1949 को चियांग माई, थाईलैंड में हुआ था। उन्होंने चुलालोंगकोर्न विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और फिर संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए, जहाँ उन्होंने केंटकी विश्वविद्यालय से आपराधिक न्याय में मास्टर डिग्री हासिल की।
व्यापारिक करियर
शिनावात्रा राजनीति में प्रवेश करने से पहले एक सफल व्यवसायी थे। उन्होंने कई कंपनियों की स्थापना की, जिनमें दूरसंचार दिग्गज शिन कॉर्प भी शामिल है। 1990 के दशक के अंत तक, वह थाईलैंड के सबसे धनी व्यक्तियों में से एक बन गए थे।
राजनीतिक करियर
2001 में, शिनावात्रा ने थाई रक्षक पार्टी की स्थापना की और राजनीति में प्रवेश किया। पार्टी ने उस वर्ष के चुनाव में भारी जीत हासिल की, और शिनावात्रा प्रधान मंत्री बने।
शिनावात्रा के प्रधानमंत्रित्व काल को कई उपलब्धियों द्वारा चिह्नित किया गया था। उन्होंने गरीबों के लिए स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा तक पहुंच में सुधार करने वाली कई लोकलुभावन नीतियां लागू कीं। उन्होंने ग्रामीण विकास पर भी ध्यान केंद्रित किया और देश के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए कई बड़ी परियोजनाएँ शुरू कीं।
हालाँकि, शिनावात्रा के शासन पर घोटाले और भ्रष्टाचार के आरोपों ने भी छाया डाली। 2006 में, उन्हें राजद्रोह और सत्ता का दुरुपयोग के आरोप में पद से हटा दिया गया था। वह निर्वासन में चले गए और बाद में उन पर भ्रष्टाचार का दोषी ठहराया गया और उन्हें अनुपस्थिति में जेल में डाल दिया गया।
विवाद और विरासत
शिनावात्रा का राजनीतिक करियर विवादों और उथल-पुथल से भरा रहा है। उन्हें व्यापक भ्रष्टाचार और लोकतंत्र का हनन करने का आरोप लगाया गया है। हालाँकि, उनकी गरीबों और वंचितों की मदद करने की प्रतिबद्धता के लिए भी उनकी प्रशंसा की गई है।
शिनावात्रा की विरासत पर आज भी बहस चल रही है। कुछ लोग उन्हें थाईलैंड में लोकतंत्र को बढ़ावा देने वाले नायक के रूप में देखते हैं, जबकि अन्य उन्हें भ्रष्ट तानाशाह के रूप में देखते हैं। उनका प्रभाव आने वाले कई वर्षों तक थाईलैंड की राजनीति को आकार देना जारी रखेगा।
व्यक्तिगत जीवन
शिनावात्रा की शादी फ्योंगपोंग लिप्टावरकुल से हुई है। उनके तीन बच्चे हैं। वर्तमान में वह निर्वासन में दुबई में रहते हैं।
निष्कर्ष
थाksin शिनावात्रा थाईलैंड के इतिहास में एक विवादास्पद और अनुभवी व्यक्ति हैं। उन्होंने बड़ी सफलता हासिल की है, लेकिन साथ ही गंभीर विरोध और आलोचना का भी सामना किया है। उनकी विरासत पर आज भी बहस चल रही है, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह थाईलैंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे।