एक छोटे से गाँव में, एक युवा लड़का रहता था जिसका नाम थंगलायन था। वह बहुत गरीब था, लेकिन उसका दिल सोने जैसा था। वह हमेशा दूसरों की मदद करने और दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने की कोशिश में रहता था।
एक दिन, थंगलायन जंगल से गुजर रहा था जब उसने एक घायल हिरण को देखा। हिरण जाल में फँसा हुआ था और उसे बहुत तकलीफ हो रही थी। थंगलायन ने बिना किसी हिचकिचाहट के हिरण को आजाद किया और उसकी देखभाल की।
थंगलायन की दयालुता से हिरण बहुत खुश हुआ। उसने थंगलायन को धन्यवाद दिया और उसे एक जादुई पत्थर दिया। यह पत्थर थंगलायन की किसी भी इच्छा को पूरा कर सकता था।
लेकिन थंगलायन ने पत्थर का इस्तेमाल अपनी खुशी के लिए नहीं किया। उसने इसका उपयोग दुनिया को बेहतर बनाने के लिए किया। उसने अस्पताल, स्कूल और अनाथालय बनवाए। उसने गरीबों को भोजन और कपड़े दिए।
थंगलायन की दयालुता और उदारता की कहानी पूरे देश में फैल गई। लोग उसे एक नायक के रूप में देखते थे। लेकिन थंगलायन हमेशा विनम्र रहा। उसने कभी भी अपने कार्यों के लिए प्रशंसा नहीं मांगी।
एक दिन, एक भयानक तूफान आया। लोगों का घर-बार तबाह हो गया। थंगलायन ने जादुई पत्थर का इस्तेमाल लोगों की मदद करने और उनकी संपत्ति की मरम्मत करने के लिए किया।
थंगलायन की दयालुता और करुणा ने दुनिया को बदल दिया। उसने लोगों को यह दिखाया कि भले ही वे गरीब हों, लेकिन उनका दिल बड़ा हो सकता है। उसने यह भी दिखाया कि दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए जादुई शक्तियों की जरूरत नहीं होती है, बस थोड़ी सी दयालुता की जरूरत होती है।