दुनिया के सबसे बड़े खेल आयोजन में भारत का प्रदर्शन: क्या हम कमतर हैं?




आज के समय में, जब दुनिया भर में खेल की धूम है, भारत में क्रिकेट के अलावा किसी और खेल को उतनी पहचान नहीं मिलती। क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे देश में अन्य खेलों में इतनी कम रुचि क्यों है? भारत एक ऐसा देश है जहां प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, तो क्या हम ओलंपिक में अच्छे प्रदर्शन के लिए पर्याप्त नहीं हैं?
इतिहास और प्रदर्शन
भारत ने 1900 के पेरिस ओलंपिक में अपनी पहली उपस्थिति दर्ज की थी। हालांकि, देश ने 1928 के एम्स्टर्डम ओलंपिक में अपना पहला पदक जीता था, जब हॉकी टीम ने स्वर्ण जीता था। तब से, भारत ने ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में कुल 35 पदक जीते हैं, जिनमें 12 स्वर्ण, 16 रजत और 7 कांस्य हैं।
ओलंपियन क्यों कम हैं?
भारत में ओलंपियन कम होने के कई कारण हैं:
  • सरकारी सहायता की कमी: भारत सरकार अन्य देशों की तरह ही एथलीटों को वित्तीय और लॉजिस्टिकल सहायता प्रदान नहीं करती है।
  • बुनियादी ढांचे की कमी: भारत में विश्व स्तरीय प्रशिक्षण सुविधाओं और खेल परिसरों की कमी है।
  • सामाजिक बाधाएं: भारतीय समाज में खेलों को करियर विकल्प के रूप में नहीं देखा जाता है।
  • कोचिंग की कमी: भारत में विश्व स्तरीय कोच बहुत कम हैं जो एथलीटों को अंतरराष्ट्रीय मानकों तक पहुंचने में मदद कर सकते हैं।
प्रोत्साहन और उम्मीदें
हाल के वर्षों में, सरकार और निजी क्षेत्र दोनों ने भारत में खेलों को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए हैं। सरकार ने राष्ट्रीय खेल नीति 2011 शुरू की है, जो एथलीटों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण सुविधाएं और अन्य समर्थन प्रदान करती है। निजी क्षेत्र ने भी एथलीटों को प्रायोजित करके और उच्च-प्रदर्शन केंद्र बनाकर खेलों को बढ़ावा दिया है।
इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, हाल के वर्षों में भारतीय एथलीटों के प्रदर्शन में सुधार हुआ है। 2016 के रियो ओलंपिक में, भारत ने दो रजत और एक कांस्य पदक जीता, जो 1900 के बाद से उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। 2020 के टोक्यो ओलंपिक में, भारत ने एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य पदक जीते।
क्या हम कम हैं?
क्या हम कम हैं, यह एक जटिल प्रश्न है। जबकि भारत का ओलंपिक प्रदर्शन अन्य देशों की तुलना में बहुत कम है, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भारत की आबादी के अनुसार प्रति एथलीट प्राप्त पदकों की संख्या अन्य देशों की तुलना में अधिक है। इसके अतिरिक्त, भारतीय एथलीट निरंतर प्रगति कर रहे हैं और ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।
भविष्य की संभावनाएं
हालांकि भारत को अभी भी ओलंपिक में लगातार शीर्ष प्रदर्शन करने वाले देश बनने के लिए एक लंबा रास्ता तय करना है, लेकिन भविष्य की संभावनाएं आशाजनक हैं। सरकार और निजी क्षेत्र दोनों खेलों को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रहे हैं, और भारतीय एथलीट निरंतर सुधार कर रहे हैं। यदि वर्तमान प्रवृत्ति जारी रहती है, तो यह उम्मीद की जा सकती है कि भारत भविष्य के ओलंपिक में और अधिक पदक जीतेगा।