दुर्गाष्टमी और दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं!




इस दशहरे पर, बुराई पर अच्छाई की विजय का जश्न मनाएं। बुराई चाहे कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अच्छाई हमेशा जीतती है। आइए इस अवसर पर, हम अपने भीतर की बुराइयों जैसे क्रोध, लालच, ईर्ष्या और घृणा को दूर करें और अपने जीवन में सत्य, प्रेम और करुणा को स्थापित करें।
दुर्गाष्टमी, जिसे दुर्गा पूजा के नाम से भी जाना जाता है, देवी दुर्गा की पूजा का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। देवी दुर्गा शक्ति और साहस की प्रतीक हैं, और वह हमेशा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतिनिधित्व करती हैं। दशहरा, जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, भगवान राम की रावण पर विजय का उत्सव है। भगवान राम एक आदर्श राजा और योद्धा थे, और उन्होंने अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन अंततः बुराई पर उनकी जीत हुई।
इस दशहरे पर, आइए हम अपने जीवन में अच्छाई और सकारात्मकता लाने के लिए बुराई को दूर करने का संकल्प लें। राक्षस रावण के दस सिर हमारे अपने भीतर की बुराईयों के प्रतीक हैं। जैसे भगवान राम ने रावण के दस सिर काटकर उसे हराया, वैसे ही हमें अपने भीतर के रावण को हराना होगा। क्रोध को शांति से, लालच को दान से, ईर्ष्या को करुणा से और घृणा को प्रेम से हराया जा सकता है।
दुर्गाष्टमी और दशहरा हमें याद दिलाते हैं कि बुराई चाहे कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंततः अच्छाई की जीत होगी। आइए इस अवसर पर, हम अच्छाई की शक्ति को फिर से जागृत करें और अपने दिलों से बुराई को दूर करें।
दुर्गाष्टमी और दशहरा की एक बार फिर से आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं!