द्रविड़
हेलो मित्रों, आज हम बात करेंगे उस शख्सियत की जिसने भारतीय क्रिकेट को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया। एक ऐसे खिलाड़ी की जिसने अपने बल्ले से कई रिकॉर्ड बनाए और मैदान पर अपनी कप्तानी से कई जीत हासिल की। आज हम बात करेंगे "द वॉल" राहुल द्रविड़ की।
राहुल द्रविड़ का जन्म 11 जनवरी, 1973 को इंदौर, मध्य प्रदेश में हुआ था। उनकी क्रिकेट यात्रा की शुरुआत बहुत ही कम उम्र से हुई थी। वह 11 साल की उम्र में अपने पिता के साथ क्रिकेट खेलते थे और तब से ही उनका लगाव इस खेल से बढ़ता गया।
1996 में राहुल द्रविड़ ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की और वहां से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह एक ऐसे खिलाड़ी थे जिनकी तकनीक पर कोई सवाल नहीं उठा सकता था। वह घंटों तक क्रीज पर डटे रह सकते थे और विपक्षी गेंदबाजों को परेशान कर सकते थे।
राहुल द्रविड़ ने अपने करियर में कई यादगार पारियां खेलीं। 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई उनकी 270 रनों की पारी भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे यादगार पारियों में से एक है। इस पारी के दम पर भारत ने पाकिस्तान को हराकर ऐतिहासिक जीत हासिल की थी।
राहुल द्रविड़ न केवल एक बेहतरीन बल्लेबाज थे, बल्कि वह एक शानदार कप्तान भी थे। उन्होंने 2005 से 2007 तक भारतीय टीम की कप्तानी की और इस दौरान टीम को कई बड़ी जीत दिलाई।
राहुल द्रविड़ की कप्तानी में भारत ने 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप का खिताब जीता था। यह भारत की टी-20 वर्ल्ड कप में पहली जीत थी। इस जीत ने भारतीय क्रिकेट में एक नई क्रांति ला दी थी।
राहुल द्रविड़ ने 2012 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। उन्होंने अपने करियर में 164 टेस्ट मैच खेले और 13288 रन बनाए। वहीं, उन्होंने 344 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में 10889 रन बनाए।
राहुल द्रविड़ को उनके शांत स्वभाव और विनम्रता के लिए भी जाना जाता था। वह भारतीय क्रिकेट के एक सच्चे आइकन हैं और आज भी उनकी विरासत को युवा खिलाड़ी अपनाते हैं।
अंत में, मैं यह कहना चाहूंगा कि राहुल द्रविड़ भारतीय क्रिकेट के एक ऐसे सितारे हैं जिनकी चमक कभी फीकी नहीं पड़ेगी। वह एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को एक नई पहचान दिलाई और जिन्हें हमेशा याद रखा जाएगा।