दर्शन
आज से कुछ दिन पहले की बात है। मैं एक मंदिर में दर्शन करने गया था। वहां मैंने एक बुजुर्ग व्यक्ति को देखा जो मंदिर के शिखर पर झंडा फहरा रहा था। वह इतनी ऊंचाई पर था कि मुझे थोड़ी घबराहट हुई। मैं उसके पास गया और पूछा कि वह क्या कर रहा है।
उसने मुझे बताया कि वह मंदिर का पुजारी है और पिछले 20 सालों से वह हर दिन झंडा फहरा रहा है। मैंने उससे पूछा कि वह ऐसा क्यों करता है, तो उसने मुझे एक बहुत ही दिलचस्प बात बताई।
उसने कहा, "मैं इस झंडे को उन सभी लोगों के लिए फहराता हूं जो यहां नहीं आ सकते। जो लोग बीमार हैं, जो लोग दूर हैं, जो लोग परेशान हैं। यह झंडा उन्हें यह संदेश देता है कि भगवान उन पर नजर रख रहे हैं और उनकी देखभाल कर रहे हैं।"
उसकी बातों ने मुझे बहुत प्रभावित किया। मैंने सोचा कि यह एक बहुत ही खूबसूरत परंपरा है। मैंने उससे पूछा कि क्या मैं भी झंडा फहराने में उसकी मदद कर सकता हूं। वह बहुत खुश हुआ और मुझे भी एक झंडा दिया।
हम दोनों साथ में मंदिर के शिखर पर गए। वहां से नजारा बहुत ही खूबसूरत था। मैं देख सकता था कि झंडा कितनी दूर तक दिखाई दे रहा था। यह मुझे ऐसा लगा जैसे मैं दुनिया को यह संदेश दे रहा हूं कि भगवान हर जगह हैं।
जब हम झंडा फहरा रहे थे, तो मैंने उस बुजुर्ग व्यक्ति से पूछा कि क्या उसे कभी डर नहीं लगता। उसने कहा, "नहीं, मुझे कभी डर नहीं लगता। मैं जानता हूं कि भगवान मेरे साथ हैं और वे मेरी रक्षा करेंगे।"
उसकी बातों ने मुझे बहुत प्रेरित किया। मुझे एहसास हुआ कि भगवान पर भरोसा करना कितना महत्वपूर्ण है। चाहे हम कहीं भी हों, चाहे हम कुछ भी कर रहे हों, भगवान हमेशा हमारे साथ हैं।
मैंने उस दिन से हर दिन मंदिर जाना शुरू किया। मैं उस बुजुर्ग व्यक्ति से मिलता और हम साथ में झंडा फहराते। यह एक बहुत ही खूबसूरत अनुभव था जो मुझे हमेशा याद रहेगा।
मंदिर में दर्शन करना न केवल भगवान की पूजा करने का एक तरीका है, बल्कि यह अपने आप को और अपने आसपास की दुनिया के साथ जुड़ने का भी एक तरीका है। जब हम मंदिर जाते हैं, तो हम अपने दुखों और चिंताओं को भूल जाते हैं और भगवान की शांति और प्रेम का अनुभव करते हैं।
मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि वे भी मंदिर जाएं और दर्शन करें। यह एक ऐसा अनुभव है जो आपके जीवन को बदल सकता है।