दिल्ली का AQI




दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) पिछले कुछ सालों से लगातार बढ़ रहा है। यह एक गंभीर चिंता का विषय है क्योंकि खराब वायु गुणवत्ता विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि श्वसन संबंधी समस्याओं, हृदय रोग और कैंसर का कारण बन सकती है।

दिल्ली की वायु गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले कई कारक हैं, जिनमें वाहनों से निकलने वाला प्रदूषण, निर्माण गतिविधियाँ और औद्योगिक उत्सर्जन शामिल हैं। सर्दियों के महीनों में, वायु प्रदूषण विशेष रूप से गंभीर हो जाता है क्योंकि ठंडी हवा हवा में प्रदूषकों को फँसा लेती है।

दिल्ली सरकार ने वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कई उपाय किए हैं, जिनमें सम-विषम योजना, बसों में सीएनजी का उपयोग और प्रदूषणकारी उद्योगों पर प्रतिबंध शामिल हैं। हालाँकि, इन उपायों का अब तक वायु गुणवत्ता पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ा है।

दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए नागरिकों की भी भूमिका है। हम वाहनों का कम उपयोग करके, ऊर्जा के कुशल उपयोग और कचरे को कम करके वायु प्रदूषण को कम करने में मदद कर सकते हैं।

दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, लेकिन यह एक ऐसा कार्य है जिसे हमें अपने स्वास्थ्य और भविष्य की पीढ़ियों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए करना चाहिए।

एक्यूआई क्या है?

एक्यूआई 0 से 500 के पैमाने पर एक संख्या है जो वायु में मौजूद प्रदूषकों की सांद्रता को मापता है। एक्यूआई जितना अधिक होगा, वायु प्रदूषण उतना ही गंभीर होगा।

एक्यूआई को छह श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है:

  • अच्छा (0-50): वायु गुणवत्ता अच्छी है और अधिकांश लोगों के लिए स्वास्थ्य संबंधी चिंताएँ नहीं हैं।
  • संतोषजनक (51-100): वायु गुणवत्ता संतोषजनक है, लेकिन संवेदनशील लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का अनुभव हो सकता है।
  • मध्यम (101-200): वायु गुणवत्ता मध्यम है और अधिकांश लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का अनुभव हो सकता है।
  • खराब (201-300): वायु गुणवत्ता खराब है और अधिकांश लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने लगती हैं।
  • बहुत खराब (301-400): वायु गुणवत्ता बहुत खराब है और सभी को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने लगती हैं।
  • गंभीर (401-500): वायु गुणवत्ता गंभीर है और सभी को गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने लगती हैं।
दिल्ली में एक्यूआई

दिल्ली की वायु गुणवत्ता पिछले कुछ सालों से लगातार खराब होती जा रही है। 2020 में, दिल्ली का औसत एक्यूआई 220 था, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से बहुत अधिक है।

दिल्ली की वायु गुणवत्ता सर्दियों के महीनों में विशेष रूप से खराब हो जाती है। ठंडी हवा हवा में प्रदूषकों को फँसा देती है, जिससे एक्यूआई 500 तक बढ़ जाता है।

एक्यूआई का स्वास्थ्य पर प्रभाव

खराब वायु गुणवत्ता विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है, जिनमें श्वसन संबंधी समस्याएं, हृदय रोग और कैंसर शामिल हैं।

लघु अवधि में, खराब वायु गुणवत्ता खांसी, घरघराहट, सांस की तकलीफ और सीने में दर्द का कारण बन सकती है। यह अस्थमा और वातस्फीति जैसी पुरानी श्वसन स्थितियों को भी बढ़ा सकता है।

दीर्घ अवधि में, खराब वायु गुणवत्ता हृदय रोग, स्ट्रोक और कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती है। यह गर्भावस्था की जटिलताओं और जन्म दोषों का भी कारण बन सकता है।

दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार कैसे करें

दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, लेकिन यह एक ऐसा कार्य है जिसे हमें अपने स्वास्थ्य और भविष्य की पीढ़ियों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए करना चाहिए।

दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं, जिनमें वाहनों का कम उपयोग, ऊर्जा का कुशल उपयोग, कचरे को कम करना और प्रदूषणकारी उद्योगों पर प्रतिबंध शामिल हैं।

दिल्ली सरकार ने वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कई उपाय किए हैं, जिनमें सम-विषम योजना, बसों में सीएनजी का उपयोग और प्रदूषणकारी उद्योगों पर प्रतिबंध शामिल हैं। हालाँकि, इन उपायों का अब तक वायु गुणवत्ता पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ा है।

दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए नागरिकों की भी भूमिका है। हम वाहनों का कम उपयोग करके, ऊर्जा के कुशल उपयोग और कचरे को कम करके वायु प्रदूषण को कम करने में मदद कर सकते हैं।

दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, लेकिन यह एक ऐसा कार्य है जिसे हमें अपने स्वास्थ्य और भविष्य की पीढ़ियों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए करना चाहिए।