दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI)
दिल्ली, भारत की राजधानी, दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है। शहर की हवा की गुणवत्ता इतनी खराब है कि यह अक्सर स्वास्थ्य के लिए खतरनाक स्तर तक पहुँच जाती है।
दिल्ली में खराब वायु गुणवत्ता के कई कारण हैं, जिनमें शामिल हैं:
* वाहन प्रदूषण: दिल्ली में वाहनों की संख्या बहुत अधिक है, और ये वाहन हवा में बड़ी मात्रा में प्रदूषक छोड़ते हैं।
* औद्योगिक प्रदूषण: दिल्ली में कई उद्योग हैं जो हवा में प्रदूषक छोड़ते हैं।
* निर्माण गतिविधि: दिल्ली में लगातार निर्माण गतिविधि चल रही है, और इससे हवा में धूल और अन्य कणों का उत्सर्जन होता है।
* फसल जलाना: दिल्ली के आसपास के राज्यों में फसल जलाने से हवा में बड़ी मात्रा में प्रदूषक निकलते हैं।
खराब वायु गुणवत्ता के स्वास्थ्य पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
* श्वसन संबंधी समस्याएँ: प्रदूषित हवा साँस लेने से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और अन्य श्वसन संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।
* हृदय रोग: प्रदूषित हवा साँस लेने से हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।
* स्ट्रोक: प्रदूषित हवा साँस लेने से स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।
* कैंसर: प्रदूषित हवा साँस लेने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
दिल्ली में खराब वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, जिनमें शामिल हैं:
* वाहन उत्सर्जन मानकों को कड़ा करना: सरकार वाहनों के लिए उत्सर्जन मानकों को कड़ा कर रही है ताकि हवा में प्रदूषकों की मात्रा कम हो सके।
* सार्वजनिक परिवहन में सुधार: सरकार सार्वजनिक परिवहन में सुधार कर रही है ताकि लोग निजी वाहनों पर कम निर्भर हों।
* नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना: सरकार नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है ताकि जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम हो सके।
* फसल जलाने पर प्रतिबंध: सरकार फसल जलाने पर प्रतिबंध लगा रही है ताकि हवा में प्रदूषकों की मात्रा कम हो सके।
ये कदम उठाने से दिल्ली में वायु गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है। हालाँकि, सुधार देखने में अभी कुछ समय लगेगा और इस बीच लोगों को खराब वायु गुणवत्ता के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के प्रति जागरूक रहना चाहिए।