भारतीय सिनेमा के इतिहास में धरमबीर एक ऐसा नाम है, जिसने अपने अभिनय कौशल और शानदार व्यक्तित्व से दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाई। उनकी एक्टिंग में एक अलग ही दम था, जो उनके दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देता था।
धरमबीर का जन्म 1927 में लुधियाना, पंजाब में हुआ था। उनके पिता एक जमींदार थे और उनकी माँ एक गृहिणी थीं। बचपन से ही धरमबीर को अभिनय का शौक था। वह अक्सर स्कूल के नाटकों में भाग लेते थे और अपने अभिनय कौशल से सभी को प्रभावित करते थे।
स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद, धरमबीर ने लाहौर के पंजाब यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक की डिग्री हासिल की। यूनिवर्सिटी के दिनों में भी वह नाटक और थिएटर में सक्रिय रहे।
1947 में भारत के विभाजन के बाद, धरमबीर अपनी फैमिली के साथ मुंबई चले गए। वहाँ उन्होंने बॉलीवुड इंडस्ट्री में एंट्री करने की कोशिश की। उन्हें पहला ब्रेक 1948 में फिल्म "चंद्रलेखा" में मिला। हालाँकि, उनकी पहचान 1953 में आई फिल्म "आन" से बनी।
आन में अपने शानदार अभिनय से धरमबीर रातों-रात स्टार बन गए। उनकी एक्टिंग में एक अलग ही गहराई थी, जो दर्शकों को फिल्म से जोड़ देती थी। आन की सफलता के बाद, धरमबीर ने एक के बाद एक कई हिट फिल्में दीं। उन्होंने "देवदास", "फिर सुबह होगी", "मुगल-ए-आज़म", "संगम" जैसी कई यादगार फिल्मों में काम किया।
धरमबीर की एक्टिंग में एक बात जो सबसे ज्यादा खास थी, वह था उनका संवाद अदायगी का अंदाज। उनके डायलॉग आज भी लोगों को याद हैं। उनकी सबसे मशहूर डायलॉग में से एक है, "जिंदगी और मौत तो ऊपर वाले के हाथ में है, लेकिन जीना और मरना हमारे हाथ में है।"
धरमबीर न केवल एक शानदार अभिनेता थे, बल्कि एक बहुत अच्छे इंसान भी थे। वह हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहते थे। वह फिल्म इंडस्ट्री में अपने नम्र स्वभाव के लिए जाने जाते थे।
दुर्भाग्यवश, 1968 में एक कार दुर्घटना में धरमबीर की मृत्यु हो गई। वह उस समय केवल 41 वर्ष के थे। उनके जाने से फिल्म इंडस्ट्री को एक बड़ा झटका लगा।
धरमबीर भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी फिल्में और उनका अभिनय हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेगा। वह भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक ऐसे अभिनेता के रूप में याद किए जाएंगे, जिन्होंने अपनी अदाकारी से दर्शकों को हमेशा के लिए प्रभावित किया।
आज, धरमबीर की जयंती पर, हम उन्हें उनकी असाधारण प्रतिभा और उनके योगदान के लिए याद करते हैं। उनके जीवन और उनकी फिल्मों से हम सभी को प्रेरणा मिलती है।