नई पेंशन योजना के छिपे खतरे: क्या आप तैयार हैं?




प्रिय पाठकों, इस लेख में मैं नई पेंशन योजना (एनपीएस) के बारे में अपने विचार साझा करना चाहता हूँ। एनपीएस एक सरकारी योजना है जो केंद्र और राज्य कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर पेंशन प्रदान करती है। लेकिन इस योजना में कुछ छिपे खतरे भी हैं जिनसे आपको अवगत होना चाहिए।
पहला छिपा खतरा: कम पेंशन
एनपीएस एक अंशदायी पेंशन योजना है। इसका मतलब है कि आपका नियोक्ता और आप दोनों ही आपके वेतन का एक हिस्सा योजना में जमा करते हैं। जमा राशि आपके रिटायरमेंट कॉर्पस में निवेश की जाती है। लेकिन यहाँ पेंच है।
एनपीएस में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन हैं। इसका मतलब है कि आपका रिटायरमेंट कॉर्पस बाजार की गिरावट से प्रभावित हो सकता है। और अगर बाजार में गिरावट आती है, तो आपकी पेंशन कम हो जाएगी।
दूसरा छिपा खतरा: जल्दी निकासी पर जुर्माना
एनपीएस में जमा राशि लॉक-इन होती है। इसका मतलब है कि आप इसे जरूरत पड़ने पर नहीं निकाल सकते। अगर आपको 60 साल की उम्र से पहले आपकी जमा राशि की जरूरत है, तो आपको 10% का जुर्माना देना होगा।
यह एक बड़ी समस्या हो सकती है। उदाहरण के लिए, अगर किसी आपात स्थिति में आपको पैसे की जरूरत है, तो आप एनपीएस से अपनी जमा राशि नहीं निकाल पाएंगे।
तीसरा छिपा खतरा: वार्षिकी की अनिवार्य खरीद
जब आप एनपीएस से रिटायर होते हैं, तो आपको अपनी जमा राशि का एक हिस्सा अनिवार्य रूप से वार्षिकी में निवेश करना होगा। इसका मतलब है कि आपको अपनी जमा राशि का एक हिस्सा एक बीमा कंपनी को देना होगा, जो आपको मासिक पेंशन देगी।
वार्षिकी का मुख्य नुकसान यह है कि यह निश्चित आय स्रोत है। इसका मतलब है कि आपकी पेंशन बढ़ती महंगाई से जुड़ी नहीं रहेगी। समय के साथ, महंगाई आपकी पेंशन की क्रय शक्ति को कम कर सकती है।
क्या आप तैयार हैं?
अगर आप एनपीएस में निवेश कर रहे हैं, तो आपको इन छिपे खतरों से अवगत होना चाहिए। इन खतरों को ध्यान में रखते हुए अपनी सेवानिवृत्ति की योजना बनाएं।
अगर आप एनपीएस में निवेश नहीं कर रहे हैं, तो अन्य सेवानिवृत्ति बचत विकल्पों पर विचार करें। ऐसे कई विकल्प हैं जो एनपीएस की तुलना में अधिक लचीलेपन और सुरक्षा प्रदान करते हैं।
इस लेख में व्यक्त विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं और किसी भी सरकारी एजेंसी या संगठन के विचारों को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं।