क्या जनता दल (यूनाइटेड) का भविष्य अंधकार में है? यह सवाल इन दिनों बिहार की राजनीति में खूब उछाला जा रहा है। नितीश कुमार की पार्टी को लगातार झटके लग रहे हैं। कई विधायक और सांसद पार्टी छोड़कर जा चुके हैं। हाल ही में नीतीश कुमार के सबसे करीबी नेताओं में से एक उपेंद्र कुशवाहा ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
उपेंद्र कुशवाहा के इस्तीफे के बाद से नितीश कुमार की पार्टी में भगदड़ मची हुई है। कई और विधायक और सांसद पार्टी छोड़ने की तैयारी में हैं। माना जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा अपनी नई पार्टी बनाएंगे और नीतीश कुमार को कड़ी टक्कर देंगे।
ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या जनता दल (यूनाइटेड) का भविष्य अंधकार में है? क्या नीतीश कुमार की पार्टी अब खत्म हो जाएगी? इन सवालों का जवाब तो वक्त ही देगा। लेकिन यह तय है कि नीतीश कुमार को अभी बहुत बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
कभी बिहार की जनता के बीच सबसे लोकप्रिय नेता रहे नितीश कुमार आज अकेले पड़ गए हैं। उनके साथी एक-एक करके उनका साथ छोड़ रहे हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं।
यह कहना अभी मुश्किल है कि नितीश कुमार की पार्टी खत्म हो जाएगी या नहीं। लेकिन यह तय है कि पार्टी को बहुत बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उपेंद्र कुशवाहा के इस्तीफे से पार्टी को काफी नुकसान हुआ है।
अभी यह देखना होगा कि नीतीश कुमार पार्टी को एकजुट रख पाते हैं या नहीं। अगर वह ऐसा करने में सफल रहे तो पार्टी बच सकती है। लेकिन अगर पार्टी से और भी नेता इस्तीफा देते हैं तो नितीश कुमार के लिए मुश्किलें बढ़ जाएंगी।
यह तो वक्त ही बताएगा कि आगे क्या होगा। लेकिन इतना तय है कि बिहार की राजनीति में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। उपेंद्र कुशवाहा के इस्तीफे से बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया है। अब देखना होगा कि इस भूचाल का असर क्या होता है।