न्यूयॉर्क टाइम्स ने
*न्यूयॉर्क टाइम्स ने किया खुलासा, भगवत गीता का असली सार यह है*
भगवत गीता प्राचीन भारत का एक पवित्र ग्रंथ है। यह महाभारत का एक हिस्सा है और हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है। सदियों से, भगवत गीता का अध्ययन और व्याख्या की गई है, और इसके सिद्धांतों ने अनगिनत लोगों के जीवन को मार्गदर्शन और प्रेरित किया है।
न्यूयॉर्क टाइम्स के एक हालिया लेख में, प्रसिद्ध भारतीय विद्वान और आध्यात्मिक गुरु अरुण गांधी ने भगवत गीता के वास्तविक सार की खोज की। गांधी ने दशकों तक भगवत गीता का अध्ययन किया है और दुनिया भर में इसके सिद्धांतों को सिखाया है।
गांधी के अनुसार, भगवत गीता का वास्तविक सार अहिंसा है। अहिंसा का अर्थ है सभी जीवित प्राणियों के लिए करुणा और सम्मान। गांधी कहते हैं कि अहिंसा भगवत गीता में सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत है और यह सभी अन्य सिद्धांतों की नींव है।
भगवत गीता में अहिंसा की अवधारणा कई छंदों में व्यक्त की गई है। सबसे प्रसिद्ध छंदों में से एक है:
_"वसुधैव कुटुम्बकम"_
जिसका अर्थ है: "संपूर्ण दुनिया एक परिवार है।"
इस छंद में, भगवत गीता हमें याद दिलाती है कि हम सभी जुड़े हुए हैं और हमें एक-दूसरे के साथ दया और करुणा के साथ व्यवहार करना चाहिए।
गांधी का मानना है कि अहिंसा आज की दुनिया में पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। वह कहते हैं कि आतंकवाद, युद्ध और गरीबी जैसी समस्याओं का मूल अहिंसा की कमी है।
गांधी का कहना है कि अगर हम भगवत गीता के सिद्धांतों का पालन करें, तो हम एक अधिक शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण दुनिया बना सकते हैं। उन्होंने कहा, "अहिंसा मानवता का एकमात्र मार्ग है। यह एकमात्र तरीका है जिससे हम एक ऐसे विश्व का निर्माण कर सकते हैं जहां सभी जीवित प्राणियों को सम्मान और करुणा के साथ व्यवहार किया जाता है।"
न्यूयॉर्क टाइम्स का लेख भगवत गीता के सच्चे सार की एक शक्तिशाली याद दिलाता है। गांधी की व्याख्या हमें याद दिलाती है कि अहिंसा मानवता का मूल गुण है और यही एकमात्र मार्ग है जिससे हम एक शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण दुनिया का निर्माण कर सकते हैं।