नेल्सन मंडेला, जिन्हें दुनिया भर में "मंडेला" के नाम से जाना जाता है, दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति और नस्लवाद के खिलाफ संघर्ष के प्रतीक थे। उनका जीवन असाधारण कठिनाइयों और अटूट आशा की कहानी है।
18 जुलाई, 1918 को एक छोटे से गाँव में जन्मे, मंडेला का बचपन गरीबी और नस्लीय भेदभाव से भरा हुआ था। वह एक पारंपरिक ज़ुलु परिवार में पले-बढ़े, और उनके पिता गाँव के प्रमुख थे। हालाँकि, मंडेला के लिए जीवन आसान नहीं था। दक्षिण अफ्रीका में नस्लवाद का शासन था, और काले लोगों को सफेद लोगों से अलग रखा जाता था और उनके अधिकारों को प्रतिबंधित किया जाता था।
मंडेला ने कम उम्र में ही नस्लवाद और अन्याय के खिलाफ लड़ने का फैसला किया। वह अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (एएनसी) में शामिल हुए, जो एक राजनीतिक संगठन था जो नस्लीय भेदभाव को खत्म करने के लिए लड़ रहा था। मंडेला जल्द ही एएनसी के एक प्रमुख नेता बन गए, और उन्होंने सरकार की भेदभावपूर्ण नीतियों के खिलाफ अहिंसक विरोध प्रदर्शनों और बहिष्कार का नेतृत्व किया।
मंडेला के कार्यों ने सरकार को क्रोधित कर दिया, और उन्हें 1964 में जेल में डाल दिया गया। उन्होंने रोबेन द्वीप की कुख्यात जेल में 27 साल बिताए, जहाँ उन्हें भीषण यातनाओं और अमानवीय परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। हालाँकि, जेल में मंडेला की भावना नहीं टूटी। उन्होंने अपने साथी कैदियों को प्रेरित किया और उन्हें नस्लवाद के खिलाफ लड़ने की आशा दी।
1990 में, 27 साल की क़ैद के बाद, मंडेला को अंततः रिहा कर दिया गया। दक्षिण अफ्रीका में उस समय बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण उन्हें रिहा किया गया। रिहाई के बाद, मंडेला ने राष्ट्रपति एफ.डब्ल्यू. डी. क्लार्क के साथ नस्लवाद को खत्म करने और बहुसंस्कृतिवाद को बढ़ावा देने के लिए काम किया।
1994 में, दक्षिण अफ्रीका में पहली बार बहु-जातीय चुनाव हुए, जिसमें मंडेला एएनसी के नेता थे। एएनसी ने चुनाव जीता, और मंडेला दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने।
राष्ट्रपति के रूप में, मंडेला ने नस्लवाद और गरीबी को खत्म करने के लिए काम किया। उन्होंने सच्चाई और सुलह आयोग की स्थापना की, जो रंगभेद शासन के दौरान हुए मानवाधिकारों के उल्लंघनों की जांच करने के लिए एक स्वतंत्र निकाय था। मंडेला ने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आवास में भी सुधार किया।
मंडेला एक महान नेता थे जिन्होंने नस्लवाद के खिलाफ लड़ाई में अथक प्रयास किया। उनका जीवन प्रेरणा का एक स्रोत है, और स्वतंत्रता, न्याय और समानता के लिए उनकी विरासत आज भी कायम है।
नेल्सन मंडेला एक सच्चे प्रेरणा स्रोत थे जिनका जीवन नस्लवाद के खिलाफ लड़ाई में समर्पित था। उनका जीवन और विरासत आने वाली पीढ़ियों को नस्लवाद के खिलाफ लड़ने और एक अधिक न्यायपूर्ण और समान दुनिया बनाने के लिए प्रेरित करती रहेगी।